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एनसीपी एनडीए के साथ: कैबिनेट पद न मिलने के बावजूद अजीत पवार का समर्थन

एनसीपी एनडीए के साथ: कैबिनेट पद न मिलने के बावजूद अजीत पवार का समर्थन

एनसीपी नेता अजीत पवार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का पद न मिलने के बावजूद, एनसीपी एनडीए के साथ बनी रहेगी। मुंबई में पार्टी के 25वें स्थापना दिवस समारोह में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पवार ने इस बात पर जोर दिया कि एनसीपी एनडीए से निराश नहीं है और भविष्य में भी गठबंधन के प्रति अपनी वफादारी बनाए रखेगी।

कैबिनेट पद की मांग

पवार ने बताया कि एनसीपी ने मोदी कैबिनेट में एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री पद की मांग की थी, लेकिन एनडीए में कई सहयोगी दलों को समायोजित करने के कारण उन्हें केवल स्वतंत्र प्रभार वाला राज्य मंत्री पद ही मिला। इस पर एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि वह पहले ही कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, इसलिए राज्य मंत्री पद स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि इससे उनका पदावनत होगा।

मीडिया में गलत खबरें

अजीत पवार ने कहा, “मीडिया में बहुत सी गलत खबरें चल रही थीं कि एनसीपी नेता एनडीए से निराश हैं। हमने उनसे मोदी कैबिनेट में एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री पद मांगा था, लेकिन हमें बताया गया है कि एनडीए में कई सहयोगी दल हैं और उन सभी को समायोजित करना होगा।”

विधानसभा चुनाव की तैयारी

पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू करने का आह्वान किया और विश्वास दिलाया कि जुलाई के मध्य तक एनसीपी के तीन सदस्य राज्यसभा में होंगे।

शिवसेना की नाराजगी

एनडीए के एक अन्य सदस्य, शिवसेना (शिंदे), ने कैबिनेट में सीट न मिलने पर निराशा व्यक्त की। शिवसेना के सात सीटें जीतने के बावजूद, उन्हें केवल राज्यमंत्री का पद दिया गया। शिवसेना के नेताओं ने अन्य दलों के नेताओं को कैबिनेट पद मिलने पर असंतोष जताया और कहा कि उनकी पार्टी के साथ पक्षपात हो रहा है।

अजीत पवार ने एनसीपी की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि कैबिनेट पद न मिलने पर भी एनसीपी एनडीए के साथ रहेगी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनाव की तैयारी करने और एनडीए के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।

यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में एनसीपी और एनडीए के बीच यह गठबंधन कैसे आकार लेता है और विधानसभा चुनावों में इसका क्या असर होता है।

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