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अजमेर दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती और पांच अन्य लोगों को नूपुर शर्मा के खिलाफ नारा लगाने के आरोप से बरी

खादिम गौहर चिश्ती, नूपुर शर्मा,

अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती और पांच अन्य लोगों को अदालत ने बरी कर दिया है। इन सभी पर 2022 में निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा के खिलाफ ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाने का आरोप था।

जून 2022 में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें गौहर चिश्ती और अन्य को अजमेर शरीफ दरगाह के बाहर नूपुर शर्मा के खिलाफ नारे लगाते हुए देखा जा सकता था। नूपुर शर्मा को पैगंबर मुहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी के बाद भाजपा ने निलंबित कर दिया था।

इस मामले की सुनवाई दो साल से अधिक समय तक चली। अदालत के सामने 22 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए। सरकारी वकील गुलाम नाजमी फारूकी ने बताया कि जून 2022 में आरोपियों ने दरगाह के प्रवेश द्वार के नजदीक ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाया था। जिन लोगों को बरी किया गया, उनमें गौहर चिश्ती के अलावा ताजिम सिद्दीकी, फखर जमाली, रियाज हसन दल, मोइन खान और नासिर खान शामिल हैं।

कांस्टेबल जयनारायण ने 17 जून 2022 को यह रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि अजमेर में एक जुलूस के दौरान भड़काऊ भाषण दिए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, गौहर चिश्ती और अन्य ने दरगाह के बाहर मौजूद ढाई से तीन हजार लोगों की भीड़ के सामने लाउडस्पीकर पर ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाया था। इसके बाद गौहर चिश्ती के खिलाफ धार्मिक स्थल पर भीड़ को उकसाने और हत्या का आह्वान करने का मामला दर्ज किया गया।

घटना के बाद गौहर चिश्ती अजमेर से भाग गए थे और हैदराबाद में अहसानुल्लाह नाम के एक व्यक्ति ने उन्हें आश्रय दिया। बाद में पुलिस ने दोनों को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया।

इस फैसले के बाद गौहर चिश्ती और अन्य आरोपी अब इन आरोपों से मुक्त हो गए हैं।

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