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Thane School Dengue Malaria Scare: ठाणे के स्कूल में 22 छात्रों और 5 शिक्षकों को डेंगू का शक, 28 जून तक ऑनलाइन कक्षाएं

Thane School Dengue Malaria Scare: ठाणे के स्कूल में 22 छात्रों और 5 शिक्षकों को डेंगू का शक, 28 जून तक ऑनलाइन कक्षाएं

Thane School Dengue Malaria Scare: ठाणे शहर में एक स्कूल की खबर ने सबका ध्यान खींच लिया है। यहां के एक प्रमुख स्कूल में 22 छात्रों और पांच शिक्षकों को डेंगू और मलेरिया (Dengue and Malaria, डेंगू और मलेरिया) जैसी मच्छर जनित बीमारियों का शक है। यह मामला सोमवार को तब सामने आया, जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने ठाणे नगर निगम (TMC) के स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी दी। इस खबर ने न केवल अभिभावकों को चिंतित कर दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि बारिश के मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारियों (Mosquito-Borne Diseases, मच्छर जनित बीमारियां) को रोकने के लिए कितनी सावधानी बरतने की जरूरत है। यह कहानी नई पीढ़ी के उन पाठकों के लिए है, जो अपने शहर की स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था को समझना चाहते हैं।

सोमवार को MNS के युवा कार्यकर्ताओं ने TMC को एक पत्र सौंपा, जिसमें दावा किया गया कि स्कूल में 45 से ज्यादा छात्र और कम से कम पांच शिक्षक मच्छर जनित बीमारियों से बीमार हैं। इस शिकायत के बाद TMC ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। मंगलवार को TMC के अधिकारियों ने स्कूल का दौरा किया और पूरे परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें स्कूल में निर्माण कार्य वाले इलाकों में कचरा और ठहरे हुए पानी के स्थान मिले, जो मच्छरों के प्रजनन के लिए आदर्श थे।

TMC के शिक्षा अधिकारी कमलकांत मेहत्रे ने बताया कि निरीक्षण के दौरान स्कूल में ऐसी जगहें पाई गईं, जहां मच्छर पनप सकते थे। निर्माण स्थल पर जमा कचरा और ठहरा पानी इन बीमारियों का कारण बन सकता था। स्कूल प्रशासन ने TMC को बताया कि 22 छात्रों और पांच शिक्षकों में मच्छर जनित बीमारियों के लक्षण दिखे हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्कूल ने 18 जून से 28 जून तक ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का फैसला किया। इस दौरान स्कूल परिसर को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए काम किया जाएगा।

TMC ने स्कूल प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे सभी स्वास्थ्य और सुरक्षा नियमों का पालन करें। स्कूल में तुरंत कीट नियंत्रण और फॉगिंग (fumigation) शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। खास तौर पर निर्माण क्षेत्रों के आसपास मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करने पर जोर दिया गया है। मेहत्रे ने बताया कि स्कूल को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी स्थिति दोबारा न आए। TMC की स्वास्थ्य टीम भी स्कूल के आसपास के इलाकों में निगरानी रखेगी, ताकि मच्छरों को पनपने का मौका न मिले।

यह मामला इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि ठाणे में बारिश का मौसम शुरू हो चुका है। जून 2025 में भारी बारिश ने शहर के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी है। ऐसे में मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ गया है। ठाणे के नजदीक भिवंडी और अन्य इलाकों में भी जलभराव की खबरें आई हैं, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का जोखिम और बढ़ गया है। TMC ने पहले ही शहर में कई जगहों पर फॉगिंग और सफाई अभियान शुरू किया है, लेकिन इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं।

स्कूल प्रशासन ने हालांकि दावा किया है कि डेंगू के बड़े पैमाने पर मामले होने की खबरें गलत हैं। उनका कहना है कि TMC की स्वास्थ्य जांच में स्कूल परिसर में मच्छरों के प्रजनन का कोई सबूत नहीं मिला। फिर भी, एहतियात के तौर पर स्कूल ने दवाओं का छिड़काव करवाया है और परिसर की सभी खिड़कियों पर मच्छरदानी लगाई गई हैं। स्कूल ने यह भी कहा कि कुछ लोग निहित स्वार्थों के कारण गलत जानकारी फैला रहे हैं। लेकिन अभिभावकों का कहना है कि बच्चों की सेहत के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

यह घटना उन परिवारों की चिंता को भी सामने लाती है, जिनके बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं। एक अभिभावक ने बताया कि उनका बच्चा पिछले कुछ दिनों से बुखार और कमजोरी से पीड़ित था। जब डॉक्टर ने डेंगू का शक जताया, तो परिवार डर गया। ऐसे में स्कूल का ऑनलाइन कक्षाओं की ओर बढ़ना उनके लिए राहत की बात है। लेकिन वे यह भी चाहते हैं कि TMC और स्कूल प्रशासन इस समस्या का स्थायी समाधान निकाले।

ठाणे शहर में मच्छर जनित बीमारियां कोई नई बात नहीं हैं। हर साल बारिश के मौसम में डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़ जाते हैं। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में जनवरी से जून के बीच मलेरिया और डेंगू के मामलों में पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। ठाणे में भी यही स्थिति है। इस साल जून के पहले दो हफ्तों में ही मलेरिया के सैकड़ों मामले सामने आए हैं। ऐसे में स्कूलों और सार्वजनिक जगहों पर मच्छरों को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती है।

यह मामला सिर्फ एक स्कूल तक सीमित नहीं है। यह पूरे शहर के लिए एक चेतावनी है। निर्माण स्थलों पर ठहरा पानी और कचरे का ढेर मच्छरों के लिए अनुकूल माहौल बनाते हैं। ठाणे में कई जगहों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं, और भारी बारिश ने इन जगहों पर पानी जमा होने की समस्या को और बढ़ा दिया है। TMC ने इन इलाकों में फॉगिंग और सफाई के लिए टीमें तैनात की हैं, लेकिन इस घटना ने दिखाया कि अभी और सख्ती की जरूरत है।

MNS की भूमिका भी इस मामले में अहम रही। उनकी शिकायत ने TMC को तुरंत कार्रवाई के लिए मजबूर किया। यह दिखाता है कि नागरिकों की जागरूकता और सक्रियता से प्रशासन को जवाबदेह बनाया जा सकता है। लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या स्कूल प्रशासन ने पहले ही इस समस्या को गंभीरता से लिया होता, तो इतने बच्चों और शिक्षकों को बीमार होने से बचाया जा सकता था।

यह कहानी उन बच्चों और शिक्षकों की भी है, जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं। उनके परिवारों की चिंता और स्कूल की जिम्मेदारी इस घटना के केंद्र में हैं। यह उन लोगों की कहानी है, जो बारिश के मौसम में अपने बच्चों को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं। और यह उस शहर की कहानी है, जो विकास के साथ-साथ अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की चुनौती का सामना कर रहा है।

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