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Mumbai E-Bike Taxi: महाराष्ट्र में बाइक टैक्सी पर विवाद, नियम बनने से पहले सड़क पर

Mumbai E-Bike Taxi: महाराष्ट्र में बाइक टैक्सी पर विवाद, नियम बनने से पहले सड़क पर

Mumbai E-Bike Taxi: मुंबई की सड़कों पर आजकल एक नया दृश्य देखने को मिल रहा है। बिजली से चलने वाली ई-बाइक टैक्सियाँ शहर की तंग गलियों और व्यस्त सड़कों पर तेज़ी से दौड़ रही हैं। लेकिन इस नई सुविधा के पीछे एक बड़ा सवाल खड़ा है—महाराष्ट्र सरकार ने अभी तक इनके लिए अंतिम नियम तय नहीं किए हैं। फिर भी, कई कंपनियाँ अपनी सेवाएँ चला रही हैं।

मुंबई में हर दिन लाखों लोग मेट्रो, बस और लोकल ट्रेनों से सफर करते हैं। लेकिन आखिरी कुछ किलोमीटर का सफर अक्सर मुश्किल होता है। यही वह जगह है, जहाँ ई-बाइक टैक्सियाँ एक सस्ता और तेज़ विकल्प बनकर उभरी हैं। 1 अप्रैल 2025 को, महाराष्ट्र सरकार ने इन टैक्सियों को सैद्धांतिक मंजूरी दी। इसका मकसद था पर्यावरण को बचाना और युवाओं के लिए स्वरोज़गार के नए रास्ते खोलना। सरकार ने मई में महाराष्ट्र बाइक टैक्सी नियम, 2025 नाम से एक मसौदा जारी किया, जिसमें जनता से सुझाव और आपत्तियाँ माँगी गईं। 5 जून तक लोगों ने 75 से ज़्यादा सुझाव भेजे, जिनमें से ज़्यादातर इस नीति के खिलाफ थे।

इन सुझावों की समीक्षा के बाद सरकार को जुलाई में अंतिम नियम जारी करने थे। लेकिन अब जून खत्म होने को है, और नियम अभी तक तैयार नहीं हुए। एक वरिष्ठ परिवहन अधिकारी ने बताया कि सरकार ने नीति तो बना दी, लेकिन इसके कामकाज के नियमों को स्पष्ट करना बाकी है। इस देरी ने एक अजीब स्थिति पैदा कर दी है। एक तरफ, सरकार का कहना है कि जनवरी 2023 के एक आदेश के तहत बाइक टैक्सियाँ गैरकानूनी हैं। दूसरी तरफ, उबर और रैपिडो जैसी कंपनियाँ बिना वैध लाइसेंस के अपनी सेवाएँ चला रही हैं।

17 जून को, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) ने उबर और रैपिडो के खिलाफ FIR दर्ज की। इन पर आरोप है कि ये कंपनियाँ निजी वाहनों को व्यावसायिक काम के लिए इस्तेमाल कर रही हैं, जो गैरकानूनी है। RTO ने अपने अधिकारियों को डमी राइड बुक करने के लिए कहा, जिससे यह साबित हुआ कि ये कंपनियाँ बिना अनुमति के काम कर रही हैं। लेकिन इसके बावजूद, सड़कों पर ई-बाइक टैक्सियाँ चल रही हैं। इसका कारण है नियमों का पूरी तरह लागू न होना।

कई लोगों का मानना है कि ई-बाइक टैक्सी (E-Bike Taxi) मुंबई जैसे भीड़भाड़ वाले शहर में आखिरी मील की यात्रा के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती हैं। ये न केवल सस्ती हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं, क्योंकि ये बिजली से चलती हैं। सरकार का कहना है कि यह नीति 20,000 से ज़्यादा नौकरियाँ पैदा कर सकती है, खासकर मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र और बाकी महाराष्ट्र में। लेकिन ऑटो और टैक्सी यूनियनों को यह डर है कि इससे उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा। मुंबई रिक्शामेन यूनियन के नेता थम्पी कुरियन ने कहा कि शहर में पहले से ही 3 लाख ऑटो हैं। बाइक टैक्सियों के आने से ट्रैफिक की समस्या और बढ़ सकती है, और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ेगा।

एक कार्यकर्ता ने सुझाव दिया कि बाइक टैक्सियों के किराए को मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (MMRTA) से मंजूरी लेनी चाहिए। साथ ही, ई-बाइकों पर छोटे किराया मीटर लगाए जाएँ, जो RTO से प्रमाणित हों। लेकिन ऑटो यूनियनों का कहना है कि बाइक टैक्सियाँ 14 लाख ऑटो चालकों की आजीविका को खतरे में डाल सकती हैं। यह विवाद सिर्फ़ मुंबई तक सीमित नहीं है। बेंगलुरु में भी बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध लगा है, और वहाँ के चालकों ने इसे अपनी आजीविका पर हमला बताया है।

मुंबई में मुंबई बाइक टैक्सी नियम (Mumbai Bike Taxi Rules) की देरी ने यात्रियों और चालकों दोनों के लिए असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। एक तरफ, लोग सस्ते और तेज़ सफर के लिए बाइक टैक्सियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। दूसरी तरफ, नियमों की कमी के कारण इन सेवाओं पर सवाल उठ रहे हैं। सरकार अब इन सुझावों और आपत्तियों की समीक्षा कर रही है। जल्द ही अंतिम नियम जारी होने की उम्मीद है, जो इस नई सेवा को व्यवस्थित करेगा।

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