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Human Trafficking Fraud: मुंबई में ठगी का बड़ा खुलासा, युवाओं को दुबई का लालच देकर ईरान में मजदूरी के लिए फँसाया

Human Trafficking Fraud: मुंबई में ठगी का बड़ा खुलासा, युवाओं को दुबई का लालच देकर ईरान में मजदूरी के लिए भेजे

Human Trafficking Fraud: मुंबई जैसे सपनों के शहर में हर दिन हजारों युवा बेहतर जिंदगी की तलाश में आते हैं। लेकिन कुछ लोग इन सपनों का फायदा उठाकर उन्हें ठगने का काम करते हैं। हाल ही में, मुंबई के कुछ युवाओं के साथ ऐसा ही धोखा हुआ, जब उन्हें दुबई में नौकरी का लालच देकर ईरान में मजदूरी करने के लिए भेज दिया गया। इस मामले में अंबोली पुलिस ने अंधेरी की एक शिपिंग कंपनी के तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।

रामाश्वर गुप्ता, एक 25 साल का युवा, अंधेरी में रहता था। उसका सपना था कि वह विदेश में अच्छी नौकरी करे और अपने परिवार की मदद करे। सितंबर 2024 में उसे क्रिस्टल शिपिंग मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी का विज्ञापन दिखा। कंपनी ने दुबई में जहाज़ पर नौकरी का वादा किया था, जिसमें 56,000 रुपये महीने की तनख्वाह थी। यह सुनकर रामाश्वर का उत्साह बढ़ गया। 21 सितंबर को वह कंपनी के अंधेरी पश्चिम के दफ्तर में इंटरव्यू के लिए गया। वहाँ उसकी मुलाकात सोहैल नाम के शख्स से हुई, जिसने उसे कैप्टन मोहित चौहान से मिलवाया।

मोहित ने रामाश्वर को आश्वासन दिया कि उसे दुबई में नौकरी मिलेगी। लेकिन इसके लिए उसे 5 लाख रुपये देने होंगे। शुरू में 50,000 रुपये नकद मेडिकल जाँच के लिए माँगे गए। रामाश्वर ने कई कागज़ों पर दस्तखत किए और बाकी 4.5 लाख रुपये भी जमा कर दिए। उसे लगा कि उसका सपना अब सच होने वाला है। लेकिन यह सिर्फ़ एक जाल था। 17 दिसंबर 2024 को उसे टूरिस्ट वीज़ा पर शारजाह भेजा गया। वहाँ उसे 10-12 अन्य भारतीय युवाओं के साथ एक गेस्ट हाउस में बंद कर दिया गया।

मार्च में एक बिचौलिया उन्हें ईरान ले गया। वहाँ रामाश्वर की मुलाकात यश चौहान नाम के 22 साल के एक और युवा से हुई, जिसे भी उसी तरह ठगा गया था। ईरान में एक स्थानीय एजेंट ने उन्हें मजदूरी करने के लिए मजबूर किया। उसने कहा कि उनके पास कोई और रास्ता नहीं है। जब रामाश्वर और यश ने इसका विरोध किया, तो उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं। लेकिन एक अन्य एजेंट की मदद से वे शिराज़ हवाई अड्डे तक पहुँचे। वहाँ उन्हें एक वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए मजबूर किया गया, जिसमें उन्हें कहना पड़ा कि वे क्रिस्टल शिपिंग के खिलाफ कोई शिकायत नहीं करेंगे। इसके बाद ही उन्हें वापस आने की इजाज़त मिली।

रामाश्वर ने भारत में अपने परिवार से संपर्क किया। परिवार ने टिकट के लिए पैसे भेजे, और वह कुछ अन्य युवाओं के साथ मुंबई वापस आ गया। मुंबई पहुँचकर रामाश्वर और यश ने क्रिस्टल शिपिंग के दफ्तर में जाकर जवाब माँगा। लेकिन वहाँ कैप्टन मोहित चौहान ने उन्हें धमकाया। उसने कहा कि अगर वे पुलिस के पास गए, तो उनके खिलाफ झूठा छेड़छाड़ का केस दर्ज कर दिया जाएगा। इस धमकी से डरने के बजाय, रामाश्वर और यश ने हिम्मत दिखाई।

उन्हें दो और युवा मिले, जिन्हें उसी कंपनी ने ठगा था। चारों ने मिलकर 10.5 लाख रुपये की ठगी की शिकायत अंबोली पुलिस स्टेशन में दर्ज की। पुलिस ने रामाश्वर, यश, और अन्य पीड़ितों के बयानों के आधार पर सोहैल, मोहित चौहान, और सिराज नाम के एक शख्स के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 351(2), 352, और 61 के तहत मामला दर्ज किया। यह मुंबई नौकरी घोटाला (Mumbai Job Scam) अब पुलिस की जाँच के दायरे में है।

यह घटना सिर्फ़ कुछ युवाओं की कहानी नहीं है। यह उन तमाम लोगों के लिए एक सबक है, जो विदेश में नौकरी के लालच में पड़कर अपनी मेहनत की कमाई गँवा देते हैं। क्रिस्टल शिपिंग जैसी कंपनियाँ भोले-भाले युवाओं को अपने जाल में फँसाती हैं और उन्हें खतरनाक हालात में धकेल देती हैं। रामाश्वर और यश की हिम्मत ने इस मानव तस्करी धोखा (Human Trafficking Fraud) को उजागर किया, लेकिन ऐसे कितने और युवा होंगे, जो अभी भी इस जाल में फँसे हैं?

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