Vikhroli Connector Traffic Jam Issue: मुंबई की ट्रैफिक समस्याओं (Mumbai Traffic Problems) को कम करने के लिए बनाया गया नया विक्रोली कनेक्टर अब खुद ही एक बड़ी समस्या बन गया है। 14 जून को खोले गए इस तीन लेन के पुल में गंभीर डिज़ाइन की खामियां हैं जो रोज़ाना ट्रैफिक जाम का कारण बन रही हैं। केंद्रीय मीडियन की अनुपस्थिति और कई स्पीड ब्रेकर्स की वजह से यह कनेक्टर यात्रियों के लिए निराशा का कारण बना हुआ है।
यह पुल मूल रूप से पूर्व-पश्चिम दिशा में ट्रैफिक की सुविधा के लिए बनाया गया था, लेकिन अब यह उल्टा काम कर रहा है। 28 साल की लंबी प्रतीक्षा के बाद बना यह इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट अपेक्षाओं के विपरीत परिणाम दे रहा है। विशेष रूप से पीक ऑवर्स के दौरान यहां ट्रैफिक की स्थिति और भी खराब हो जाती है, जब यात्रियों को 30 मिनट तक का इंतज़ार करना पड़ता है।
ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे को लाल बहादुर शास्त्री रोड से जोड़ने वाला यह कनेक्टर पूर्वी छोर पर गंभीर बाधा का काम कर रहा है। कई मोटर चालक पुल पर ही यू-टर्न लेते हैं, जिससे स्थिति और भी जटिल हो जाती है। टागोर नगर तक पहुंचने के लिए ईईएच से अंडरपास का रास्ता है, लेकिन अधिकांश लोग इसका सही उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
विक्रोलीकर विकास मंच के अध्यक्ष संजय येवले ने इस समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि स्थानीय निवासियों ने पहले ही इन समस्याओं की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि अब स्टेशन तक पहुंचने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ता है, जिससे यात्रा का समय बढ़ गया है। दो दिन पहले बीएमसी और ट्रैफिक पुलिस के साथ बैठक हुई है, जिसमें आठ दिनों के भीतर समाधान का आश्वासन दिया गया है।
नई सड़क अवसंरचना (New Road Infrastructure) की यह समस्या केवल डिज़ाइन की खामी नहीं है, बल्कि उचित योजना की कमी को भी दर्शाती है। पुल के पश्चिमी छोर पर एलबीएस मार्ग के साथ मिलने वाली जगह पर भारी ट्रैफिक जाम होता है। वाहन विपरीत दिशा की लेन में भी आ जाते हैं, जिससे स्थिति और भी खराब हो जाती है।
एक वरिष्ठ नागरिक अधिकारी ने समस्या को स्वीकार करते हुए बताया कि अनावश्यक स्पीड ब्रेकर्स को हटाने का काम चल रहा है। स्थायी डिवाइडर्स बनाना फ़िलहाल संभव नहीं है, इसलिए अस्थायी बैरिकेड्स लगाए जाएंगे। इससे दो लेन पूर्व से पश्चिम की ओर और एक लेन पश्चिम से पूर्व की ओर काम कर सकेगी।
मुंबई ट्रैफिक विभाग के संयुक्त पुलिस आयुक्त अनिल कुंभारे ने बताया कि नए कनेक्टर में अलाइनमेंट और ट्रैफिक सिग्नल्स की समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि बीएमसी से सिग्नल्स की जगह बदलने का अनुरोध किया गया है। ट्रैफिक फ्लो को मैनेज करने के लिए सुबह दो लेन खुली रखी जाती हैं और शाम को उन्हीं लेन्स को रिवर्स कर दिया जाता है।
यह स्थिति मुंबई की इन्फ्रास्ट्रक्चर योजना में बेहतर समन्वय की आवश्यकता को दर्शाती है। सात साल के निर्माण काल के बाद जब यह परियोजना पूरी हुई तो उम्मीद थी कि यह ट्रैफिक की समस्या का समाधान करेगी, लेकिन वर्तमान स्थिति इसके विपरीत है। अब देखना यह है कि अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासनों का कितना प्रभावी क्रियान्वयन होता है और क्या वास्तव में आने वाले दिनों में यहां की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा।
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