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Railway Waiting List Cap Revised: रेलवे बोर्ड ने वेटिंग लिस्ट टिकट की सीमा 25% से बढ़ाकर 60% की, यात्रियों की शिकायतों के बाद रेलवे ने बदली टिकट नीति

Railway Waiting List Cap Revised: रेलवे बोर्ड ने वेटिंग लिस्ट टिकट की सीमा 25% से बढ़ाकर 60% की, यात्रियों की शिकायतों के बाद रेलवे ने बदली टिकट नीति

Railway Waiting List Cap Revised: रेलवे बोर्ड ने यात्रियों की शिकायतों के बाद अपनी नीति में बड़ा बदलाव किया है। पहले की 25 प्रतिशत वेटिंग लिस्ट टिकट की सीमा को अब बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक कर दिया गया है। यह बदलाव वातानुकूलित (AC) श्रेणी के लिए है, जबकि गैर-वातानुकूलित (Non-AC) श्रेणी के लिए यह सीमा 30 प्रतिशत होगी। यह नया नियम 28 जून, 2025 को जारी किया गया और यह शुरूआती और रास्ते के स्टेशनों पर लागू होगा। इस कदम का उद्देश्य यात्रियों की सुविधा को बढ़ाना और टिकट की उपलब्धता में सुधार करना है।

पहले, 17 अप्रैल, 2025 को रेलवे बोर्ड ने वेटिंग लिस्ट टिकट की सीमा को सभी श्रेणियों में 25 प्रतिशत तक सीमित कर दिया था। इसका मकसद आरक्षित श्रेणी के यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव को बेहतर करना था। लेकिन इस सख्त सीमा के कारण वेटिंग लिस्ट टिकट की उपलब्धता में भारी कमी आई। यात्रियों ने इसकी शिकायत की और यात्री संगठनों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। उनकी मांग थी कि टिकट की उपलब्धता को बढ़ाया जाए ताकि ज्यादा लोग यात्रा कर सकें।

इन शिकायतों को सुनने के बाद रेलवे बोर्ड ने नीति में बदलाव किया। पहले तो स्लीपर क्लास के लिए वेटिंग लिस्ट की सीमा 30 प्रतिशत और AC क्लास के लिए 60 प्रतिशत की गई थी। अब 28 जून के नए आदेश ने इसे आधिकारिक नीति के रूप में लागू कर दिया है। इस बदलाव से यात्रियों को ज्यादा टिकट मिलने की उम्मीद है, जिससे उनकी यात्रा आसान होगी।

रेलवे बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि दूरस्थ स्थानों से वेटिंग लिस्ट टिकट जारी करने की व्यवस्था होगी, जहां कोई निर्धारित बर्थ नहीं हैं। ऐसी जगहों पर क्षेत्रीय मांग के आधार पर विशेष सीमाएं तय की जाएंगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि टिकट का वितरण संतुलित रहे और सभी क्षेत्रों के यात्रियों को सुविधा मिले।

यह नई नीति रियायती किराए या सरकारी यात्रा वारंट के तहत जारी टिकटों पर लागू नहीं होगी। इसका मतलब है कि वरिष्ठ नागरिकों, रक्षा कर्मियों और अन्य पात्र श्रेणियों को पहले की तरह प्राथमिकता मिलती रहेगी। इन यात्रियों के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है, ताकि उनकी सुविधा बनी रहे।

रेलवे बोर्ड ने सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स (CRIS) को इस नई नीति को लागू करने के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट करने का निर्देश दिया है। बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को सूचित किया है कि वे इस बदलाव के बारे में कर्मचारियों को जानकारी दें। इससे नीति का सुचारू रूप से कार्यान्वयन हो सकेगा और यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होगी।

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