Mumbai school uniform: सरकारी स्कूलों की यूनिफॉर्म के लिए कपड़ा सप्लाई करने के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। छोटे कपड़ा व्यापारियों ने बड़े उद्योगों को लाभ पहुंचाने के आरोप लगाए हैं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की यूनिफॉर्म के लिए नई नीति लागू की है। इसके तहत, अब तक स्कूल प्रबंधन समितियों को यूनिफॉर्म के लिए पैसे दिए जाते थे। नई नीति के अनुसार, पूरे राज्य में एक ही रंग (नीला) और गुणवत्ता की यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए सरकार कपड़ा ख़रीद कर यूनिफॉर्म की सिलाई का काम महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपेगी।
महाराष्ट्र में 44 लाख से अधिक सरकारी स्कूली बच्चों के लिए यूनिफॉर्म का कपड़ा उपलब्ध कराने के राज्य सरकार के पहले कॉन्ट्रैक्ट के लिए 6 कंपनियाँ प्रतिस्पर्धा में हैं। इस प्रक्रिया को लेकर छोटे कपड़ा व्यापारियों ने आपत्ति जताई है और निविदा (टेंडर) की शर्तों को बड़े उद्योगों के पक्ष में होने का आरोप लगाया है। फिलहाल छह कंपनियों की तकनीकी बोलियों का मूल्यांकन किया जा रहा है और अंतिम रूप से वित्तीय बोलियों के आधार पर विक्रेता का चयन होगा।
सरकार का दावा है कि यूनिफॉर्म बनाने के लिए लगभग 1.19 करोड़ मीटर कपड़े की ख़रीद के बाद इसकी सिलाई का काम महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को दिया जाएगा। सरकार की इस नीति से, छोटे व्यापारियों को अपने रोज़गार जाने का डर सता रहा है। उनका आरोप है कि निविदा प्रक्रिया बड़े औद्योगिक घरानों का समर्थन करती है, जिससे राज्य भर में सैकड़ों छोटी-छोटी निर्माण इकाइयाँ बंद हो जाएंगी और लगभग 50,000 कुशल श्रमिकों की नौकरियाँ छिन जाएंगी।
ये भी पढ़ें: Maharashtra: 12वीं परीक्षा के बीच शिक्षकों का बहिष्कार, क्या विलम्ब होगा रिजल्ट?
सरकार का तर्क है कि यूनिफॉर्म प्रोजेक्ट को महिला सशक्तिकरण से जोड़ा गया है, पर छोटे व्यापारियों का सवाल है कि क्या इन महिला स्वयं सहायता समूहों के पास बड़े पैमाने पर यूनिफॉर्म बनाने के लिए आवश्यक मशीनें और कुशल श्रमिक मौजूद हैं।
महाराष्ट्र में स्कूल यूनिफॉर्म प्रोजेक्ट को लेकर सरकार और छोटे कपड़ा व्यापारियों के बीच विवाद की स्थिति है। व्यापारियों का दावा है कि बड़े उद्योगों को फ़ायदा पहुँचाने की कोशिश की जा रही है, वहीं सरकार का कहना है कि उनका लक्ष्य एक समान गुणवत्ता की यूनिफॉर्म प्रदान करना और महिलाओं को रोज़गार उपलब्ध कराना है।