महाराष्ट्र बोर्ड: दसवीं वालों के साथ सही में थोड़ा अजीब हो गया! साइंस के पेपर में एकदम बेसिक सा सवाल था – सबसे छोटा एटम (परमाणु) कौन सा है? पर असली दिक्कत ये है कि इस सवाल का कोई एक जवाब नहीं है। कुछ किताबों में हीलियम बताया जाता है, और कुछ में हाइड्रोजन! अब बोर्ड वाले कह रहे हैं कि उनका जवाब हीलियम सही है, और हाइड्रोजन लिखने वाले बच्चों के नंबर काट सकते हैं।
अब बवाल तो मचना ही था! कपिल पाटील, जो विधायक हैं, उन्होंने सीधे शिक्षा मंत्री और बोर्ड वालों को चिट्ठी लिख दी। उनका कहना है कि बच्चों की गलती नहीं है, क्योंकि अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग पढ़ाया जा रहा था। फिर, मामला थोड़ा वैज्ञानिक भी हो गया। कुछ साइंटिस्ट लोग हाइड्रोजन को सही बता रहे हैं, क्योंकि नासा वगैरह की वेबसाइट पर भी यही लिखा हुआ है। पर ये हीलियम और हाइड्रोजन में झगड़ा काफी पुराना है, और वैज्ञानिक तौर पर भी ये थोड़ा पेचीदा है।
वो टार्गेट पब्लिकेशन्स वाले, जो बड़ी किताबें छापते हैं, उन्होंने भी हाइड्रोजन का साथ दिया है। उनका कहना है कि नासा की वेबसाइट पर साफ-साफ हाइड्रोजन को सबसे छोटा परमाणु बताया गया है। इतना ही नहीं, हाइड्रोजन, हीलियम से अलग तरह का होता है। हाइड्रोजन में दो-दो एटम मिलकर बनते हैं, हीलियम अकेले रहता है। इन सब बातों को ध्यान में रखा जाए, तो हाइड्रोजन को ही सबसे छोटा मानना ज्यादा सही है। अब देखते हैं कि मंत्री जी और बोर्ड वाले बच्चों के साथ क्या न्याय करते हैं!