बिहार के नवादा ज़िले में हुए एक जघन्य हत्याकांड ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया था। खेत में मिले सुनील राजक के क्षत-विक्षत शव ने एक खौफनाक कहानी बयां की – किसी ने बड़ी बेरहमी से उनकी हत्या की थी। शुरुआती जांच में कई परतें सामने आईं और एक साजिश का खुलासा हुआ जिसने सबको चौंका दिया।
पुलिस के लिए यह केस किसी पहेली से कम नहीं था। रोह गाँव की गलियों से शुरू हुई जांच मीलों दूर मुंबई के वसई इलाके में पहुंची। बिहार पुलिस ने पता लगाया कि इस हत्या के पीछे सुजीत उमेश सिंह उर्फ सूरज नाम का शख्स है, जो वारदात के बाद से फरार है। वहीं, MBVV पुलिस को खबर मिली कि आरोपी उनके इलाके में छिपा हुआ है।
दोनों पुलिस फ़ोर्स के बीच तालमेल बना और नायगांव पुलिस स्टेशन ने चिंचोटी इलाके में छापेमारी कर आखिरकार सूरज को गिरफ्तार कर लिया। सूरज ने पहले तो पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन सख्ती से पूछताछ में उसने न सिर्फ अपना जुर्म कबूल किया, बल्कि असली साजिश से भी पर्दा उठा दिया। उसकी बातें सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई!
पता चला कि मृतक की पत्नी, सरिता देवी, ने ही अपने पति की हत्या की साजिश रची थी। उसने इसके लिए सूरज और उसके साथी राजनीश शर्मा से मदद ली थी। अब पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि आखिर सरिता देवी ने यह खौफनाक कदम क्यों उठाया।
जांच में एक और चौंकाने वाला राज़ सामने आया। सूरज कोई मामूली अपराधी नहीं था, बल्कि 16 साल पहले अपने गांव के सरपंच और उसके दोस्त की हत्या के जुर्म में फरार चल रहा था। MBVV पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ मिलकर की गई इस कार्रवाई को एक बड़ी सफलता माना है।
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि हर हत्या के पीछे गहरे राज़ हो सकते हैं, और जांच अधिकारियों को कई बार दूसरे राज्यों तक का सफर तय करना पड़ता है ताकि अपराधी बच कर न भाग पाएं।