बदलापुर में हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। स्कूल में दो छोटी बच्चियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। बदलापुर यौन उत्पीड़न केस (Badlapur sexual harassment case) का मुख्य आरोपी अब इस दुनिया में नहीं रहा। आइए जानते हैं कि आखिर क्या हुआ और इस केस में अब क्या नया सामने आया है।
एक हैरान कर देने वाला मोड़
बदलापुर में हुई उस घटना को याद करके आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, जिसमें एक स्कूल में दो मासूम बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न हुआ था। लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। बदलापुर यौन उत्पीड़न केस (Badlapur sexual harassment case) का मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे अब इस दुनिया में नहीं रहा। उसकी मौत पुलिस हिरासत में हुई है, जिसने इस पूरे मामले को और भी ज्यादा गंभीर बना दिया है।
क्या हुआ उस दिन?
पुलिस के मुताबिक, जब वे अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से बदलापुर ले जा रहे थे, तब रास्ते में कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी। शाम के करीब साढ़े छह बजे, अक्षय ने अचानक एक पुलिसवाले की रिवॉल्वर छीन ली और फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। फिर क्या था, पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें अक्षय घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
स्कूल की लापरवाही
इस पूरे मामले में स्कूल प्रशासन की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है। स्कूल के चेयरमैन और सचिव पर आरोप है कि उन्होंने इस घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को नहीं दी। इसलिए उन पर भी केस दर्ज किया गया है। अब वे कोर्ट से अग्रिम जमानत मांग रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें राहत नहीं मिली है।
जांच की स्थिति
पहले तो इस केस की जांच बदलापुर पुलिस कर रही थी। लेकिन जब लोगों ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए, तो सरकार ने एक खास टीम बनाई, जिसे SIT कहते हैं। अब यह टीम पूरे मामले की जांच कर रही है। इतना ही नहीं, इस केस पर हाई कोर्ट भी नजर रख रही है।
क्या होगा आगे?
अब जबकि मुख्य आरोपी की मौत हो चुकी है, सवाल यह उठता है कि क्या इससे पीड़ित बच्चियों और उनके परिवारों को न्याय मिलेगा? क्या स्कूल प्रशासन को इस लापरवाही के लिए सजा मिलेगी? इन सवालों के जवाब अभी बाकी हैं।
बदलापुर यौन उत्पीड़न केस (Badlapur sexual harassment case) ने एक बार फिर हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे बच्चे कहां सुरक्षित हैं। स्कूल, जो एक सुरक्षित जगह होनी चाहिए, वहां भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं। यह समय है कि हम सब मिलकर अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए आवाज उठाएं और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं।
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