मानसून के मौसम से पहले मुंबई की ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (EEH) पर गड्ढों को भरने और सड़क की मरम्मत के लिए BMC ने 73.53 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला है। हालांकि, एक्टिविस्ट्स मांग कर रहे हैं कि ठेकेदारों को पैसे देने से पहले यह पक्का किया जाए कि काम अच्छे से और सही तरीके से पूरा हुआ है।
पहले ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे की देखभाल राज्य के PWD और फिर MMRDA के ज़िम्मे थी। पिछले साल से BMC ने इसे अपने हाथ में ले लिया है।
पिछले साल BMC ने इस हाईवे की मरम्मत पर 63 करोड़ रुपये खर्च किए थे, फिर भी लोगों को गड्ढों और उबड़-खाबड़ सड़कों के कारण परेशानी होती है।
एक्टिविस्ट्स की मांग
वॉचडॉग फाउंडेशन के गॉडफ्रे पिमेंटा ने BMC और महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सड़क निर्माण और मरम्मत के काम में पारदर्शिता की मांग की है। उनका कहना है कि जिन ठेकेदारों का पिछला काम खराब रहा है और सड़कें फिर से टूट गई हैं, उन्हें नए काम नहीं दिए जाने चाहिए। साथ ही यह भी देखना ज़रूरी है कि मरम्मत का काम सही तरीके से हुआ है या नहीं।
BMC का पक्ष
BMC के एक अधिकारी ने कहा, “हम यह कोशिश कर रहे हैं कि EEH पर गड्ढे कम से कम हों। हम यह भी देखेंगे कि ठेकेदार सही तरीके से काम करें।”
BMC मानसून से पहले ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे की मरम्मत का काम तेज़ी से करवाना चाहती है, जो एक अच्छी बात है। लेकिन, यह भी ध्यान रखना ज़रूरी है कि काम की गुणवत्ता अच्छी हो ताकि सड़कें जल्दी फिर से न टूटें।
BMC ने मुंबई की वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे की मरम्मत का काम भी अपने हाथ में ले लिया है।
BMC इन दोनों हाईवे की मरम्मत के लिए खास तकनीक का इस्तेमाल कर रही है ताकि सड़कें ज़्यादा समय तक चलें।