आजकल शहरों को सजाने के चक्कर में हम पेड़ों पर रंग-बिरंगी लाइटें लगा देते हैं। भले ही ये देखने में अच्छे लगते हों, लेकिन पेड़ों और जानवरों के लिए ये लाइटें बड़ी मुसीबत बन सकती हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये लाइटें पेड़ों की सेहत बिगाड़ देती हैं और रात में शिकार करने वाले जानवरों को भी भटका देती हैं।
आपने देखा होगा कि त्योहारों या बड़े मौकों पर शहर के कई पेड़ों को रोशनी से लपेट दिया जाता है। कुछ लोग तो अपने घरों के बाहर लगे पेड़ों पर भी ऐसी लाइटें लगा देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये पेड़ों के लिए कितना नुकसानदेह है?
पेड़ों को समझ नहीं आता दिन-रात: पेड़ों का भी एक प्राकृतिक चक्र होता है, जैसे हम इंसानों का होता है। दिन के 12 घंटे पेड़ धूप से ऊर्जा बनाते हैं, जिसे फोटोसिंथेसिस कहते हैं। लेकिन जब पेड़ पर सारी रात लाइटें जलती रहती हैं, तो उन्हें लगता है कि अभी भी दिन है। इससे उनका पूरा चक्र बिगड़ जाता है और वो सही से अपना भोजन नहीं बना पाते।
लाइटों से पेड़ को लगती है चोट: सिर्फ रोशनी ही नहीं, इन लाइटों को लगाने के लिए पेड़ में कीलें ठोकी जाती हैं, तार बांधे जाते हैं। ये सब पेड़ों को चोट पहुंचाते हैं, और कई बार ये चीज़ें पेड़ के अंदर ज़हर भी छोड़ सकती हैं। कई बार तो लाइट के तारों में करंट से आग भी लग जाती है, और पूरा पेड़ ही जल जाता है।
जानवरों के लिए भी है खतरा: जो जानवर जैसे उल्लू रात में ही अपना शिकार करते हैं, उनके लिए ये लाइटें बहुत बड़ी समस्या हैं। तेज़ रोशनी में उन्हें सही से दिखता नहीं है, और उनका शिकार करने का पूरा तरीका ही गड़बड़ हो जाता है। इसके अलावा, जो पंछी लंबी यात्रा करके दूसरे शहरों या देशों से आते हैं, वो इन लाइटों से भ्रमित होकर इमारतों से टकरा जाते हैं।
ये बहुत अहम मुद्दा है, क्योंकि पेड़-पौधे और जानवर हमारे पर्यावरण का बहुत ज़रूरी हिस्सा हैं। शहरों को सुंदर बनाने के लिए हम जो कर रहे हैं, उससे जाने-अनजाने में हम प्रकृति को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं। हमें ऐसे तरीके खोजने होंगे जो दिखने में भी अच्छे हों और हमारे पेड़ों और जानवरों के लिए भी सुरक्षित हों।
हाल ही में, एक व्यक्ति ने बॉम्बे हाईकोर्ट में इस बारे में याचिका भी डाली है। कोर्ट ने भी माना है कि ये एक गंभीर मामला है, और सरकार से पूछा है कि वो इस बारे में क्या कर रही है।