गुरुग्राम शहर में एक बड़े साइबर अपराध का भंडाफोड़ हुआ है। यह अपराध इतना बड़ा था कि इसकी जांच में भारत की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI के साथ-साथ अमेरिका की FBI और दुनिया भर के पुलिस संगठनों को जोड़ने वाली इंटरपोल को भी शामिल होना पड़ा। CBI ने इस मामले में 43 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग दूसरे देशों के नागरिकों को धोखा देकर उनके पैसे ऐंठ रहे थे।
यह पूरा मामला CBI के एक खास अभियान ‘ऑपरेशन चक्र-2’ का हिस्सा है। इस अभियान के तहत CBI ने गुरुग्राम के सात अलग-अलग जगहों पर छापे मारे। इन छापों में CBI को कई ऐसी चीजें मिलीं, जो इस अपराध को अंजाम देने में इस्तेमाल की जा रही थीं। इनमें 130 कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन और 5 लैपटॉप शामिल हैं। इसके अलावा, CBI को ऐसे कई दस्तावेज और जानकारियां भी मिलीं, जो दिखाती हैं कि कैसे ये लोग दूसरे देशों के नागरिकों को अपना शिकार बना रहे थे।
यह सारा खेल गुरुग्राम के DLF इलाके में चल रहे एक कॉल सेंटर से हो रहा था। इस कॉल सेंटर से काम करने वाले लोग विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर पर एक खास तरह का संदेश भेजते थे। इस संदेश को देखकर लोग डर जाते थे और एक ऐसा सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर लेते थे, जो उनके कंप्यूटर के लिए खतरनाक था। फिर ये ठग लोगों को बताते थे कि उनका कंप्यूटर खराब हो गया है और उसे ठीक करने के लिए पैसे मांगते थे। इस तरह वे लोगों से पैसे ऐंठ लेते थे।
CBI की जांच में यह भी पता चला कि इस तरह से कमाए गए पैसे को हांगकांग तक पहुंचाया जा रहा था। इसके लिए हवाला जैसे गैरकानूनी तरीके अपनाए जा रहे थे। यह बताता है कि यह अपराध किसी एक देश तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका जाल कई देशों तक फैला हुआ था।
CBI ने बताया कि यह साइबर अपराध करने वाला गिरोह 2022 से ही सक्रिय था। इसका मतलब है कि पिछले दो साल से ये लोग इस तरह की ठगी कर रहे थे। इस गिरोह को पकड़ने के लिए CBI ने कई देशों की पुलिस और जांच एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया। इससे पता चलता है कि यह मामला कितना बड़ा और जटिल था।
इस मामले में पकड़े गए 43 लोगों को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया है। कोर्ट ने इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यानी अब ये लोग जेल में रहेंगे। लेकिन इन लोगों ने अपनी गिरफ्तारी को गलत बताया है और कोर्ट में इसके खिलाफ अपील की है। इस अपील पर आज सुनवाई होनी है।
यह मामला एक बार फिर से बताता है कि आजकल साइबर अपराध कितने बढ़ गए हैं। जैसे-जैसे लोग इंटरनेट और कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, वैसे-वैसे अपराधी भी नए-नए तरीके खोज रहे हैं लोगों को धोखा देने के लिए। इसलिए यह जरूरी है कि इस तरह के अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
CBI का यह ऑपरेशन चक्र-2 साइबर अपराधियों के खिलाफ एक बड़ा कदम है। इससे यह संदेश जाता है कि चाहे अपराधी कितने भी चालाक क्यों न हों, कानून उन तक पहुंच ही जाएगा। CBI और दूसरी एजेंसियां अभी भी इस मामले की जांच कर रही हैं। उम्मीद है कि जल्द ही इस गिरोह के और भी सदस्य पकड़े जाएंगे।
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