कोविड-19 से ठीक हो जाने के बाद भी कई लोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। दुनियाभर में की गई स्टडीज ने कुछ सामान्य लक्षणों की पहचान की है, जो अक्सर कोविड-19 से उबर चुके मरीजों में देखे जा रहे हैं। इस ब्लॉग में हम इन्हीं समस्याओं पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि कैसे आप इनसे निपट सकते हैं।
कोविड के बाद की थकान और अन्य लक्षण
कोविड-19 से ठीक होने के बाद थकान एक सामान्य लक्षण है, जो लगभग सभी मरीजों में देखा गया है। चाहे वो मरीज अस्पताल में भर्ती रहे हों या घर पर ही ठीक हुए हों, थकान का अनुभव समान रूप से हो सकता है। इसके अलावा, सांस फूलना, गंध या स्वाद की कमी, मस्तिष्क में धुंधलापन, सिरदर्द, खांसी, हल्का बुखार, घबराहट, चक्कर आना, डिप्रेशन, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं भी देखी जा रही हैं।
आंकड़े क्या बताते हैं?
हाल ही में हुई एक व्यवस्थित समीक्षा के अनुसार, कोविड-19 से ठीक हुए लगभग 45% लोगों में कम से कम एक लक्षण ऐसा पाया गया, जो लंबे समय तक बना रहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट में भी यही बताया गया है कि कोविड-19 के बाद थकान, सांस लेने में कठिनाई, याददाश्त में समस्या, नींद में परेशानी, सीने में दर्द, और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं आम हैं।
कोविड के बाद की समस्याओं के कारण
कोविड-19 के बाद की समस्याओं के कई कारण हो सकते हैं, जैसे प्रतिरक्षा प्रणाली का असंतुलन, स्व-प्रतिरक्षा की कमी, माइक्रोथ्रोम्बी, सिस्टमैटिक फाइब्रोसिस, और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) का संक्रमण। ये समस्याएं इस बात पर निर्भर करती हैं कि व्यक्ति की इम्युनिटी कैसी है और शरीर ने संक्रमण के बाद कैसे प्रतिक्रिया दी है।
वैश्विक स्तर पर अध्ययन
दुनियाभर में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों में थकान सबसे ज्यादा रिपोर्ट किया जाने वाला लक्षण है। अस्पताल में भर्ती (28.4%), गैर-अस्पताल में भर्ती (34.8%) और मिश्रित समूहों (25.2%) में थकान सबसे सामान्य लक्षण रहा। इसके अलावा, नींद न आना, सांस फूलना, और सामान्य गतिविधियों में कमी जैसे लक्षण भी देखे गए।
ICMR की रिपोर्ट और वैक्सीनेशन का प्रभाव
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार, जिन लोगों ने कोविड-19 से पहले वैक्सीन ली थी, उनमें पोस्ट-कोविड लक्षणों की संभावना कम पाई गई। वैक्सीनेशन ने न केवल लक्षणों को हल्का करने में मदद की बल्कि संक्रमण के बाद की समस्याओं से भी बचाव किया।
अचानक मौत और भारत में स्थिति
भारत में अचानक होने वाली मौत (सडन डेथ) एक गंभीर चिंता का विषय है। ICMR की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के बाद अस्पताल से छुट्टी होने के 30 से 60 दिनों के भीतर सांस फूलना, थकान और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं सबसे ज्यादा देखी गईं। हालांकि, एक साल बाद इन समस्याओं में कुछ कमी पाई गई।
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि युवा वयस्कों में अचानक होने वाली अज्ञात मौतों के पीछे कोविड-19, फैमिली में सडन डेथ का इतिहास और अस्वस्थ जीवनशैली जैसे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
कोविड-19 से उबरने के बाद भी कई लोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिनमें थकान, सांस फूलना, और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं प्रमुख हैं। ये समस्याएं व्यक्ति की इम्युनिटी, वैक्सीनेशन स्टेटस, और जीवनशैली पर निर्भर करती हैं। इसलिए, कोविड-19 के बाद भी अपने स्वास्थ्य पर नजर रखना और समय-समय पर डॉक्टरी सलाह लेना बेहद जरूरी है।
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