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इजरायल की बमबारी में हिज्बुल्लाह (Hezbollah) का टॉप कमांडर ढेर, लेबनान में तबाही मची

इजरायल की बमबारी में हिज्बुल्लाह (Hezbollah) का टॉप कमांडर ढेर, लेबनान में तबाही मची

इजरायल और हिज्बुल्लाह (Hezbollah) के बीच जारी जंग ने मिडिल ईस्ट में एक बार फिर हलचल मचा दी है। 2006 की जंग के बाद, अब ये सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है। इजरायल की बमबारी में हिज्बुल्लाह (Hezbollah) के टॉप कमांडर को भी निशाना बनाया गया है। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 558 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 50 बच्चे भी शामिल हैं। इस संघर्ष ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है।

इजरायल का सबसे बड़ा हमला: क्या है ऑपरेशन ‘नॉर्दर्न एरोज’?

इस बार इजरायल ने अपनी एयरफोर्स और आर्मी के जरिये ‘नॉर्दर्न एरोज’ नामक ऑपरेशन शुरू किया है। हिज्बुल्लाह (Hezbollah) पर बमबारी के जरिये इजरायल ने यह साबित कर दिया कि वे अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। IDF ने दावा किया है कि उन्होंने हिज्बुल्लाह (Hezbollah) के करीब 1600 ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें मिसाइल इकाइयां और रॉकेट लॉन्चर प्रमुख हैं।

इजरायली सेना का कहना है कि हिज्बुल्लाह (Hezbollah) लेबनान के घरों में मिसाइल और हथियार छुपाकर रख रहा था, जिनसे इजरायल पर हमले किए जा रहे थे। यह ऑपरेशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इजरायल ने पहले लेबनान के नागरिकों को मैसेज भेजकर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी थी।

हिज्बुल्लाह का कमांडर मारा गया

सोमवार को इजरायली हमले में हिज्बुल्लाह (Hezbollah) के टॉप कमांडर को मार गिराया गया, जो कि एक बड़ी जीत मानी जा रही है। इस कमांडर का नाम 1983 में अमेरिकी दूतावास पर हमले में भी जुड़ा था। इससे इजरायली सेना के मनोबल को बढ़ावा मिला है।

लेबनान में तबाही का मंजर: 50 बच्चों समेत 558 लोगों की मौत

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबियाद के मुताबिक, इजरायली बमबारी में अब तक 558 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें से 50 मासूम बच्चे थे। ज्यादातर लोग अपने घरों में थे, जब हवाई हमले हुए। इन हमलों ने लेबनान के कई शहरों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। मारे गए लोगों में महिलाओं और बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है, जिससे दुनिया भर में नाराजगी फैल गई है।

हिज्बुल्लाह की जवाबी कार्रवाई

इजरायली हमले के बाद हिज्बुल्लाह (Hezbollah) ने भी जवाबी कार्रवाई की। मंगलवार को हिज्बुल्लाह के 180 से ज्यादा प्रोजेक्टाइल और एक ड्रोन ने इजरायल के हाइफा शहर पर हमला किया। इस हमले से शहर के लोगों में अफरा-तफरी मच गई और उन्हें सुरक्षित स्थानों की ओर भागने पर मजबूर होना पड़ा। इजरायली सेना ने ज्यादातर मिसाइलों को रोकने में कामयाबी पाई, लेकिन कुछ हमले अपने निशाने तक पहुंचने में सफल रहे।

लेबनान की मुश्किलें बढ़ीं

लेबनान की नेशनल न्यूज एजेंसी के अनुसार, एयर स्ट्राइक से पहले इजरायल ने लेबनान के नागरिकों को फोन कॉल के जरिए चेतावनी दी थी। इन कॉल्स में बताया गया कि इजरायली सेना जल्द ही हिज्बुल्लाह (Hezbollah) के ठिकानों पर घातक हमले करेगी, और नागरिकों को खतरे वाली जगहों से दूर चले जाने की सलाह दी गई। इसके बावजूद, हजारों लोग इन हमलों में फंस गए।

लेबनान की हालत बेहद नाजुक है। इजरायल के हमलों ने स्कूल, कॉलेज, और पब्लिक प्लेस को बंद करने पर मजबूर कर दिया है। लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं, लेकिन युद्ध की स्थिति इतनी विकट है कि कई लोगों को बचने का मौका भी नहीं मिल पा रहा।

ईरान और हमास का बयान

इस बीच, ईरान और हमास ने इजरायल के हमले की कड़ी निंदा की है। ईरान ने इसे ‘पागलपन’ करार दिया और कहा कि इसके लिए इजरायल को सजा जरूर मिलेगी। वहीं, हमास ने इसे वॉर क्राइम बताया। ईरान की सेना IRGC ने अपने सैनिकों को किसी भी प्रकार के कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल करने से रोक दिया है, ताकि उन्हें किसी तरह की साइबर या इलेक्ट्रॉनिक अटैक का सामना न करना पड़े।

संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी लेबनान पर हुए हमलों की निंदा की है। उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते कि लेबनान दूसरा गाजा बने। इस जंग से हजारों लोग बेघर हो चुके हैं, और स्थिति लगातार बिगड़ रही है। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने भी कहा है कि नागरिकों की क्षति अस्वीकार्य है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।

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