जम्मू-कश्मीर चुनाव 2024: BJP ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है, जिसमें 8 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा गया है। यह कदम घाटी में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस बार अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहला मौका है जब इस क्षेत्र में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इस बार का चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि BJP ने अपनी परंपरागत रणनीति से हटकर घाटी में मुसलमानों पर भरोसा जताया है और केवल 8 सीटों पर अपनी ताकत लगा रही है। इस नई रणनीति के साथ BJP कश्मीर घाटी में नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस गठबंधन और PDP के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश कर रही है।
बदली हुई रणनीति: सिर्फ 8 सीटों पर फोकस
BJP ने इस बार घाटी की 8 सीटों पर अपनी पूरी ताकत झोंकने का फैसला किया है। इन सीटों में कोकरनाग (ST), शंगस-अनंतनाग पूर्व, पांपोर, राजपोरा, शोपियां, अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग और श्रीगुफवाड़ा बिजबेहरा शामिल हैं। इन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर BJP ने एक मजबूत संदेश देने की कोशिश की है।
जम्मू-कश्मीर चुनाव 2024: क्या खिलेगा कमल?
आर्टिकल 370 के हटने के बाद हुए परिसीमन में जम्मू की 6 सीटें बढ़ गईं, जबकि कश्मीर में केवल एक सीट बढ़ी है। ऐसे में BJP को कश्मीर घाटी में जीत दर्ज करने के लिए इस बदली हुई रणनीति पर पूरा भरोसा है। पार्टी का मानना है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर वो स्थानीय वोटरों का समर्थन हासिल कर सकती है।
जम्मू-कश्मीर चुनाव 2024: गठबंधन और समर्थन
BJP ने कश्मीर घाटी में अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्थानीय दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ तालमेल की योजना बनाई है। हालांकि, पार्टी को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कुछ पूर्व सहयोगी दल अब BJP से दूरी बना रहे हैं।
चुनावी प्रभाव और नेतृत्व
BJP ने राम माधव को जम्मू-कश्मीर चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया है। राम माधव, जो कि राज्य की राजनीति के गहरे जानकार हैं, छोटे और स्थानीय दलों से गठबंधन करने में पार्टी की मदद कर रहे हैं। वहीं, टिकट वितरण को लेकर पार्टी के भीतर भी असंतोष के स्वर उभर रहे हैं, जो चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकते हैं।
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