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Mahim Beach Night Curfew Enforced: मुंबई पुलिस की माहिम समुद्र तट पर कार्रवाई; रात का कर्फ्यू लागू, स्थापित होंगे प्रवेश द्वार

Mahim Beach Night Curfew Enforced: मुंबई पुलिस की माहिम समुद्र तट पर कार्रवाई; रात का कर्फ्यू लागू, स्थापित होंगे प्रवेश द्वार

Mahim Beach Night Curfew Enforced: मुंबई का माहिम समुद्र तट, जो कभी परिवारों और दोस्तों के लिए सैर-सपाटे का पसंदीदा ठिकाना हुआ करता था, अब एक अलग ही वजह से चर्चा में है। स्थानीय लोगों की शिकायतों और बढ़ती असामाजिक गतिविधियों को देखते हुए मुंबई पुलिस ने इस समुद्र तट को सुरक्षित और परिवारों के लिए अनुकूल बनाने के लिए कड़ा कदम उठाया है। 21 जून 2025 को डीसीपी जोन 5 गणेश गावड़े और माहिम के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय पाटिल ने स्थानीय निवासियों के साथ एक विशेष बैठक की। इस बैठक में माहिम समुद्र तट (Mahim Beach) पर नशीली दवाओं के उपयोग (drug use) और सार्वजनिक अश्लीलता जैसी समस्याओं पर गहन चर्चा हुई। पुलिस ने तट पर प्रवेश नियंत्रण और रात के कर्फ्यू जैसे कदमों की घोषणा की, जो इस क्षेत्र को फिर से सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।

माहिम समुद्र तट, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक स्थलों जैसे पांच पीर दरगाह के लिए जाना जाता है, पिछले कुछ समय से गलत कारणों से सुर्खियों में रहा। स्थानीय निवासियों ने बताया कि शाम और रात के समय समुद्र तट पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बढ़ गया है। कुछ जोड़े अनुचित व्यवहार करते हुए पाए गए, जबकि नशीली दवाओं का उपयोग (drug use) करने वाले लोग भी तट पर अक्सर दिखाई देने लगे। एक निवासी, रमेश शिंदे, ने बताया कि वह अपने बच्चों को अब समुद्र तट पर लाने से डरते हैं, क्योंकि रात के समय माहौल असुरक्षित हो जाता है। इन शिकायतों ने पुलिस को तुरंत कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया।

बैठक में डीसीपी गावड़े ने समुद्र तट को सुरक्षित बनाने के लिए कई ठोस कदमों का ऐलान किया। सबसे पहले, माहिम समुद्र तट (Mahim Beach) पर दो नए प्रवेश द्वार स्थापित किए जाएंगे। एक द्वार सियापोशवाडी में और दूसरा पांच पीर दरगाह के पास होगा। ये द्वार तट पर आने-जाने वालों की निगरानी करेंगे और अनधिकृत प्रवेश को रोकेंगे। इससे पुलिस को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि केवल वास्तविक पर्यटक और स्थानीय लोग ही तट पर आएं। इसके अलावा, समुद्र तट पर रात 8:00 बजे या 9:00 बजे के बाद प्रवेश पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। यह रात का कर्फ्यू (night curfew) स्थानीय निवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी, क्योंकि रात के समय होने वाली गड़बड़ियां तट की छवि को खराब कर रही थीं।

पुलिस ने इस कार्रवाई को और प्रभावी बनाने के लिए तकनीक का सहारा लेने की बात भी कही। डीसीपी गावड़े ने निवासियों से अपील की कि वे अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके अवैध गतिविधियों को रिकॉर्ड करें। उन्होंने बताया कि जीपीएस-सक्षम कैमरे से ली गई तस्वीरें या वीडियो, जिनमें स्थान का डेटा (अक्षांश और रेखांश) दर्ज हो, कानूनी कार्यवाही में महत्वपूर्ण सबूत बन सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक स्थानीय दुकानदार, प्रीति मेहता, ने बताया कि उन्होंने एक बार रात में समुद्र तट पर संदिग्ध गतिविधि देखी थी, लेकिन सबूत न होने के कारण शिकायत दर्ज नहीं कर पाई थीं। अब पुलिस की इस पहल से लोग अधिक सक्रिय होकर अपराधों की रिपोर्ट कर सकते हैं।

मुंबई पुलिस की यह कार्रवाई केवल नियम लागू करने तक सीमित नहीं है। यह स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर माहिम समुद्र तट को फिर से एक सुरक्षित और परिवार-अनुकूल स्थान बनाने की कोशिश है। डीसीपी गावड़े ने कहा कि पुलिस और निवासियों की साझा जिम्मेदारी से ही इस क्षेत्र का पुराना गौरव लौटाया जा सकता है। बैठक में शामिल एक सामाजिक कार्यकर्ता, नीलम तिवारी, ने बताया कि समुद्र तट पर पहले बच्चे और परिवार बेफिक्र होकर समय बिताते थे। लेकिन अब रात के समय असामाजिक तत्वों के कारण लोग वहां जाने से कतराने लगे हैं। पुलिस की इस नई पहल से उन्हें उम्मीद है कि माहिम समुद्र तट फिर से सभी के लिए सुरक्षित हो जाएगा।

माहिम समुद्र तट का महत्व केवल एक पर्यटन स्थल तक सीमित नहीं है। यह मुंबई की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान का हिस्सा है। आसपास की पांच पीर दरगाह और सेंट माइकल चर्च जैसे धार्मिक स्थल इसे सभी समुदायों के लिए खास बनाते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में, खासकर 2023 के बाद, समुद्र तट पर नशीली दवाओं की तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों की खबरें बढ़ी हैं। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पिछले साल माहिम और आसपास के क्षेत्रों में कई ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था। फिर भी, रात के समय समुद्र तट पर ऐसी गतिविधियां पूरी तरह रुक नहीं पाई थीं। अब रात का कर्फ्यू (night curfew) और प्रवेश द्वारों की स्थापना से पुलिस को इन गतिविधियों पर और सख्ती से नजर रखने में मदद मिलेगी।

यह पहल मुंबई के अन्य समुद्र तटों, जैसे जुहू और वर्सोवा, के लिए भी एक मिसाल बन सकती है। इन तटों पर भी समय-समय पर ऐसी ही शिकायतें सामने आती रही हैं। माहिम में शुरू होने वाली यह कार्रवाई अगर सफल रही, तो इसे शहर के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जा सकता है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि समुद्र तट पर गश्त बढ़ाने के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाने की योजना है। इससे न केवल अपराधों पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भी सुरक्षा का एहसास होगा।

माहिम समुद्र तट के आसपास रहने वाले लोग इस कार्रवाई से उत्साहित हैं। एक स्कूल शिक्षक, अजय वर्मा, ने बताया कि वह अपने छात्रों को अक्सर समुद्र तट की सफाई और पर्यावरण संरक्षण के बारे में पढ़ाते हैं। लेकिन असामाजिक गतिविधियों के कारण वह उन्हें वहां ले जाने से हिचकते थे। अब पुलिस की नई व्यवस्था से उन्हें उम्मीद है कि माहिम समुद्र तट फिर से एक शैक्षिक और मनोरंजन का केंद्र बन सकेगा। यह कार्रवाई न केवल समुद्र तट की छवि को सुधारने की दिशा में है, बल्कि मुंबई की उस पहचान को भी बचाने की कोशिश है, जो इसे एक जीवंत और सुरक्षित शहर बनाती है।

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