विधानसभा चुनाव में जीत के लिए NCP का दांव: मुंबई से लेकर मराठवाड़ा तक, महाराष्ट्र की राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सभी दल अपनी-अपनी रणनीतियां तैयार कर रहे हैं। लेकिन एनसीपी ने इस बार एक नया दांव चला है – समुदायों से जुड़ाव।
गुरुवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुंबई स्थित अपने आवास पर पार्टी विधायकों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक में दलित, मुस्लिम और मराठा समुदायों से गहरे जुड़ाव बनाने पर जोर दिया गया। विधायकों को इन समुदायों के मुद्दों पर काम करने और उनके विश्वास में आने के लिए कहा गया।
एनसीपी ने समझा है कि राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को इन समुदायों की नाराजगी झेलनी पड़ी है। लोकसभा चुनाव में भी महायुति को उम्मीद से कम सीटें मिलीं। इसलिए विधानसभा चुनाव से पहले ही इन वर्गों को रिझाना एनसीपी की प्राथमिकता बन गई है।
किसान वर्ग से भी जुड़ेंगे
बैठक में विधायकों से कहा गया कि वे किसान समुदाय से भी जुड़ें और उनके प्याज, सोयाबीन, कपास आदि की समस्याओं को उठाएं। NCP का मानना है कि इन मुद्दों से लोकसभा चुनाव में महायुति सरकार को नुकसान हुआ था।
वित्तीय पैकेज की मांग
इसके अलावा, विधायकों से मराठा, दलित और मुस्लिम समुदायों के लिए सरकार से बड़े वित्तीय पैकेज और विशेष योजनाएं मांगने को कहा गया। साथ ही संविधान में बदलाव को लेकर उनकी चिंताओं को दूर करने पर भी जोर दिया गया।
अनुपस्थित विधायकों पर सवाल
हालांकि इस महत्वपूर्ण बैठक में कम से कम 6 विधायक अनुपस्थित रहे। पार्टी का कहना है कि सभी ने पहले से ही अपनी अनुपस्थिति की सूचना दे रखी थी। लेकिन कुछ विधायकों की गैरमौजूदगी पर सवाल भी उठ रहे हैं।
शरद पवार ने बुलाई नए सांसदों की बैठक
वहीं, दूसरी तरफ प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित सांसदों के साथ एक बैठक की। इस बैठक का मकसद लोकसभा चुनाव परिणामों की समीक्षा और आगे की रणनीति तय करना था।
जब अजित गुट से विधायकों के शरद पवार की पार्टी में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछा गया तो प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता। हालांकि उन्होंने दावा किया कि मतदाता विधानसभा चुनाव में भी उन्हें समर्थन देंगे।
इस तरह एनसीपी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की ओर कदम बढ़ा रही है। पार्टी को उम्मीद है कि समुदायों से गहरा जुड़ाव उसे जीत दिला सकेगा। लेकिन क्या यह रणनीति कामयाब होगी, इसका पता आने वाले महीनों में चलेगा।