हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले ने मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मुंबई पुलिस इस घटना की जांच में जुटी हुई है, लेकिन इस मामले ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी नेताओं ने इस हमले को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर तीखे सवाल उठाए हैं और इसे एक सोची-समझी साजिश तक करार दिया है।
क्या ये हमले साजिश का हिस्सा हैं?
इस हमले के बाद विपक्षी नेता, जैसे उद्धव गुट की प्रियंका चतुर्वेदी और शरद गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड, ने मामले को धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से देखने की मांग की है। प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर एक लंबी पोस्ट साझा करते हुए कहा, “मुंबई में हाई-प्रोफाइल कलाकारों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। सलमान खान से लेकर बाबा सिद्दीकी और अब सैफ अली खान , ये सब मुंबई को कमजोर करने की साजिश लगती है।”
इसके अलावा जितेंद्र आव्हाड ने इसे धार्मिक कट्टरपंथ से जुड़ी साजिश बताते हुए कहा कि, “इस हमले की गहराई से जांच होनी चाहिए। आखिर एक ही समुदाय को बार-बार निशाना क्यों बनाया जा रहा है?”
महाराष्ट्र सरकार पर विपक्ष का हमला
विपक्ष ने राज्य सरकार और गृह मंत्रालय की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कानून व्यवस्था को लेकर चिंता व्यक्त की है। जितेंद्र आव्हाड ने कहा ये भी कहा कि, “अगर हाई-प्रोफाइल लोग ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा? अपराधियों को आखिर किसका समर्थन मिल रहा है?” जबकि प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मुंबई में सुरक्षा का माहौल तेजी से बिगड़ रहा है। उन्होंने बाबा सिद्दीकी की हत्या, सलमान खान की सुरक्षा और अब सैफ अली खान पर हमले को एक बड़े षडयंत्र का हिस्सा बताया।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, सैफ अली खान के हमले की जांच के लिए 10 टीमें गठित की गई हैं। डीसीपी क्राइम ब्रांच दीक्षित गेडाम ने बताया कि हमलावर चोरी के इरादे से घर में घुसा था। पुलिस ने मेड, सिक्योरिटी गार्ड और अन्य स्टाफ से गहराई से पूछताछ की है। इस हमले को लेकर हर पहलू की जांच हो रही है, जिसमें हमलावर का मकसद और किसी साजिश का एंगल भी शामिल है।
मुंबई की सुरक्षा पर बड़ा सवाल
ये घटना मुंबई जैसे शहर में कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति की ओर इशारा करती है। बांद्रा जैसे पॉश इलाके में हाल के वर्षों में अपराध बढ़ने से ये सवाल उठता है कि क्या मुंबई में अपराधियों को कानून का डर नहीं रहा? सलमान खान को बुलेटप्रूफ जैकेट पहनने की मजबूरी है। बाबा सिद्दीकी की नृशंस हत्या। और अब सैफ अली खान पर हमला।
ये सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा है या सुरक्षा में चूक, ये जानने के लिए मुंबई पुलिस को समय और गहन जांच की आवश्यकता है।
सैफ अली खान पर हमला सिर्फ एक अपराध नहीं है; ये मुंबई की सुरक्षा, कानून व्यवस्था, और राजनीतिक तनाव का भी प्रतीक बन गया है। इस घटना के नतीजे न केवल पुलिस की जांच पर निर्भर करेंगे, बल्कि ये