महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के सीट बंटवारे को लेकर विवाद खत्म होने का दावा तो किया गया था, लेकिन खबरों की मानें तो कांग्रेस के अंदर इस पर कलह शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि, राहुल गांधी मुंबई और विदर्भ की मजबूत सीटें उद्धव ठाकरे को देने से नाराज हैं।
खबर है कि 25 अक्टूबर को कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में राहुल गांधी ने सीट बंटवारे को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने कहा कि जिन सीटों पर कांग्रेस मजबूत थी, उन्हें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) को दे दिया गया क्योंकि कुछ नेता अपने बेटे-बेटियों को टिकट दिलाना चाह रहे थे।
किन सीटों को दिए जाने से राहुल नाराज हैं?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी मुंबई की बांद्रा-पूर्व, नासिक-मध्य, रामटेक और अमरावती सीटें शिवसेना (यूबीटी) को दिए जाने से नाराज हैं। दरअसल 2019 में इन सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था। बांद्रा पूर्व सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, नासिक मध्य में कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी और रामटेक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। इसके बावजूद, ये सीटें शिवसेना (यूबीटी) को दे दी गईं।
अब ऐसे में माना जा रहा है कि उद्धव गुट की शिवसेना इन सीटों पर अपना दावा छोड़ सकती है। गौरतलब है कि संजय राउत ने हाल ही में इसके संकेत भी दिए थे। इसके अलावा, कांग्रेस हाईकमान महाराष्ट्र के नेताओं से नाराज हैं कि जब शुरुआत में शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी (शरद) कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने को तैयार थे, तो फिर बाद में बराबर-बराबर का बंटवारा क्यों हुआ?
बताया जा रहा है कि नाराज राहुल गांधी कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए। हालांकि, बैठक इसके बाद भी एक घंटे तक चलती रही। कांग्रेस अब वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक कर सीट बंटवारे के मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करेगी।
कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचातानी मची हुई थी। करीब 20-25 सीटों पर कांग्रेस के नाना पटोले और शिवसेना (उद्धव) के संजय राउत पीछे हटने को तैयार नहीं थे। आखिर में कांग्रेस हाईकमान ने नाना पटोले की जगह बाला साहेब थोराट को मैदान में उतारा। थोराट ने शरद पवार और उद्धव से मुलाकात कर सीट शेयरिंग का बेस तैयार किया।
गठबंधन और सीट आवंटन
कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), और एनसीपी (शरद पवार) ने बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, गठबंधन में शेतकारी संगठन, समाजवादी पार्टी और सीपीएम को भी जगह दी गई है। हालांकि, इन पार्टियों को कितनी सीटें दी गई हैं, इसका खुलासा अभी तक नहीं किया गया है।
नेताओं के परिवार भी टिकट की रेस में
महाराष्ट्र कांग्रेस के कई नेता अपने परिवार के लोगों को टिकट दिलाने में जुटे हैं। पूर्व अध्यक्ष बाला साहेब थोराट अपनी बेटी जयश्री के लिए टिकट चाह रहे हैं, वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय वट्टेविडर भी अपने परिवार को टिकट दिलाने में जुटे हैं। मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ की धारावी सीट से उनकी बहन ज्योति को टिकट दिया गया है। वहीं कांग्रेस ने विलासराव देशमुख के दोनों बेटों को लातूर से टिकट दिया है।
जानकारी हो कि महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों के लिए 29 अक्टूबर तक नामांकन की आखिरी तारीख है। इसके बाद नाम वापस लेने और स्क्रूटनी का काम होगा। 20 नवंबर को महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों के लिए मतदान प्रस्तावित है और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों पर जीत जरूरी है। इस बार महायुति (शिवसेना-शिंदे, बीजेपी और एनसीपी-अजित) का मुकाबला महाविकास अघाड़ी (शिवसेना-उद्धव, कांग्रेस और एनसीपी-शरद) से है।