Rahul Gandhi’s Controversial History Article: भारतीय राजनीति में एक नया विवाद उभर कर सामने आया है जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भारतीय इतिहास पर एक लेख लिखा। इस लेख में उन्होंने भारतीय राजाओं और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच के रिश्ते पर जो टिप्पणियां कीं, उसने देश के प्रमुख राजघरानों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है।
विवादित लेख की पृष्ठभूमि राजघरानों का आक्रोश (Royal Families’ Outrage) की शुरुआत 6 नवंबर को हुई, जब राहुल गांधी ने द इंडियन एक्सप्रेस में एक विस्तृत लेख प्रकाशित किया। उन्होंने लिखा कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय राजाओं और नवाबों को धमकाकर और रिश्वत देकर भारत पर शासन किया। राजघरानों का आक्रोश (Royal Families’ Outrage) इस बात को लेकर विशेष रूप से बढ़ा कि राहुल ने राजपरिवारों को कंपनी के सहयोगी के रूप में चित्रित किया।
राजघरानों की कड़ी प्रतिक्रिया केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने वालों को भारत के गौरवशाली इतिहास पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। सिंधिया ने महादजी सिंधिया, कित्तूर चेनम्मा और रानी वेलु नचियार जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का उल्लेख करते हुए राहुल की आलोचना की।
इतिहास की व्याख्या पर विवाद राहुल गांधी का विवादित इतिहास लेख (Rahul Gandhi’s Controversial History Article) ने एक गंभीर बहस छेड़ दी है। जयपुर राजघराने की राजकुमारी और राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि राहुल को इतिहास की सही समझ नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत के एकीकरण में राजघरानों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, लेकिन राहुल इस ऐतिहासिक योगदान को नकार रहे हैं।
राजघरानों की एकजुट आवाज मैसूर के वाडियार राजवंश के राजा यदुवीर कृष्ण वाडियार ने राहुल की इतिहास समझ पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राहुल की टिप्पणियां भारतीय विरासत के संरक्षण में राजघरानों के योगदान को नकारती हैं। उदयपुर के महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ ने इसे जानबूझकर की गई गलतबयानी करार दिया।
विरासत और संस्कृति का प्रश्न देवास राजघराने की महारानी गायत्री राजे पवार ने कहा कि राजघरानों ने सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए बड़ी कीमत चुकाई है। जैसलमेर के राजकुमार चैतन्य राज सिंह ने भी राहुल के आरोपों को खारिज किया और कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोगों का प्यार राजघरानों की सेवाओं का प्रमाण है।
राहुल की प्रतिक्रिया और आगे का रास्ता इस विवाद पर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने दावा किया कि उनके लेख के बाद कई व्यवसायी उन्हें बता रहे हैं कि एक वरिष्ठ मंत्री फोन कर सरकार की प्रशंसा करने का दबाव बना रहे हैं। यह विवाद अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है, जहां एक तरफ राजघराने अपनी ऐतिहासिक भूमिका की रक्षा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी अपने दृष्टिकोण पर कायम हैं।