मुंबई के वसई-विरार में पुलिस ने एक अजीबोगरीब हत्या का खुलासा किया, जहां एक छोटे कागज पर लिखे ‘ESEL’ शब्दों ने जांच की दिशा बदल दी। इस मामले में फिल्म इंडस्ट्री के एजेंट की हत्या की गुत्थी सुलझाई गई। पूरी कहानी में जानिए कैसे पुलिस ने इस पेचीदा मामले को सुलझाया।
मुंबई के पास वसई-विरार पुलिस ने हाल ही में एक रहस्यमयी हत्या का खुलासा किया, जिसमें एक छोटे कागज पर लिखे चार अक्षर ‘ESEL’ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस मामले ने पुलिस को भी चौंका दिया और उन्हें एक पेचीदा जांच में धकेल दिया।
मई 10 की रात को, नालासोपारा के पेल्हार पुलिस स्टेशन में एक अज्ञात आदमी का शव एक नाले में पड़ा मिला। शव की हालत इतनी खराब थी कि उसकी पहचान करना मुश्किल था। न ही उसके पास कोई पहचान पत्र था और न ही मोबाइल फोन। पुलिस को इस जटिल मामले को सुलझाने में काफी परेशानी हो रही थी, लेकिन अचानक एक छोटे से कागज के टुकड़े ने जांच की दिशा बदल दी। इस कागज पर सिर्फ चार अक्षर थे – ‘ESEL’।
पुलिस ने तुरंत इस कागज पर लिखे अक्षरों की जांच शुरू की। इंटरनेट पर खोजबीन करने पर, उन्होंने ‘ESEL’ नाम के कई संपर्क नंबर ढूंढे। इन नंबरों में से एक ‘Esel Studio’ से संपर्क किया गया, जो मुंबई के मंझकुर्द में स्थित था। स्टूडियो से पता चला कि संतोश कुमार यादव, जो एक जूनियर आर्टिस्ट के एजेंट थे, 7 मई से लापता थे।
जांच में यह भी सामने आया कि यादव की आखिरी बार एक महिला जूनियर आर्टिस्ट से बात हुई थी। महिला ने पुलिस को बताया कि यादव अपने दोस्तों सनी सुनील सिंह और राहुल सोहन पाल के साथ थे, जो भी फिल्म इंडस्ट्री में एजेंट के रूप में काम करते थे।
तीन दिन की कड़ी जांच के बाद, पुलिस ने ठाणे से सनी सुनील सिंह को गिरफ्तार किया। सिंह ने हत्या की बात स्वीकार की और बताया कि राहुल सोहन पाल के साथ मिलकर उसने यादव की हत्या की थी। सिंह ने पुलिस को बताया कि यादव ने एक बड़ा अनुबंध हासिल किया था, जिससे सिंह को जलन हुई और उसने यादव की हत्या कर दी।
हत्या की रात, सिंह और पाल ने यादव को 7 मई को एक ब्रिज के पास पेय के लिए बुलाया। वहां पर उन्होंने यादव की पत्थर से हत्या कर दी और शव को पास के नाले में फेंक दिया। पुलिस ने एक महीने की तलाश और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के बाद पाल को हरियाणा के जाजरू गांव से गिरफ्तार किया।
इस जटिल मामले में एक छोटे कागज के टुकड़े ने पुलिस की मेहनत को सफल बनाया और हत्या की गुत्थी को सुलझाने में मदद की। यह दिखाता है कि कैसे छोटी से छोटी चीज भी एक बड़ा सुराग बन सकती है और अपराधियों को पकड़ने में मदद कर सकती है।
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