महाराष्ट्र सरकार ने गटर सफाई की प्रक्रिया को सुरक्षित और आधुनिक बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने घोषणा की है कि सरकार 27 नगर निगमों के लिए 100 स्वदेशी रोबोट खरीदेगी। ये निर्णय केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सामाजिक ऑडिट के बाद लिया गया, जिसमें सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा में गंभीर खामियों को उजागर किया गया था।
सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा: एक गंभीर समस्या
गटर सफाई के दौरान सफाई कर्मचारियों की मौत की घटनाएं लंबे समय से चिंता का विषय रही हैं। सामाजिक ऑडिट ने खुलासा किया कि 2021 से 2024 के बीच महाराष्ट्र में 18 सफाई कर्मचारियों ने अपनी जान गंवाई। मुंबई, पुणे, परभणी, सतारा और शिरुर जैसे शहरों में किए गए ऑडिट में सुरक्षा नियमों, सुरक्षात्मक उपकरणों और आपातकालीन व्यवस्थाओं की लगभग पूर्ण अनुपस्थिति पाई गई। इस स्थिति ने सरकार को रोबोट आधारित सफाई प्रणाली की ओर कदम बढ़ाने के लिए मजबूर किया।
तथ्य: ऑडिट के अनुसार, महाराष्ट्र में सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा में अधिकारियों और ठेकेदारों की गंभीर विफलताएं सामने आई हैं।
रोबोट सफाई: एक आधुनिक समाधान
मंत्री संजय शिरसाट ने बताया कि सरकार पहले छत्रपति संभाजीनगर नगर निगम में एक महीने के लिए रोबोट का ट्रायल करेगी। सफल ट्रायल के बाद 100 रोबोट खरीदे जाएंगे, जो सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से शहरी विकास विभाग को सौंपे जाएंगे। ये रोबोट नगर निगमों में वितरित किए जाएंगे।
ये रोबोट स्वदेशी तकनीक से निर्मित हैं और मौजूदा रोबोटों की तुलना में अधिक कुशल हैं। इनमें बेहतर सफाई और अपशिष्ट पृथक्करण की क्षमता होगी, जो गटर सफाई को सुरक्षित और प्रभावी बनाएगी।
क्यों जरूरी है ये पहल?
सफाई कर्मचारियों की जान को खतरे में डालने वाली परिस्थितियों को खत्म करने के लिए ये पहल महत्वपूर्ण है। रोबोट के उपयोग से न केवल मानवीय जोखिम कम होगा, बल्कि सफाई प्रक्रिया भी अधिक व्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल होगी। ये कदम तकनीकी नवाचार और सामाजिक न्याय के बीच एक सेतु का काम करेगा।
महाराष्ट्र सरकार का ये कदम न केवल सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन को भी मजबूती देगा। स्वदेशी रोबोट्स का उपयोग आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। ट्रायल की सफलता के बाद ये देखना दिलचस्प होगा कि ये तकनीक अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बनती है या नहीं।
ये भी पढ़ें: अब महाराष्ट्र में 5वीं क्लास तक अनिवार्य होगा हिंदी, सरकार ने तैयार कर ली योजना