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महाराष्ट्र में फीस बढ़ाने की शिकायतों पर पूर्व छात्रों को झटका, FRA बोला – ‘हमारा कोई लेना-देना नहीं’

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मुंबई: महाराष्ट्र में प्रोफेशनल कॉलेजों की फीस बढ़ाने के खिलाफ पूर्व छात्रों की शिकायतों को फीस रेगुलेटिंग अथॉरिटी (FRA) ने खारिज कर दिया है। FRA का कहना है कि पूर्व छात्रों को ‘स्टेकहोल्डर’ नहीं माना जा सकता, इसलिए उनकी शिकायतें सुनने का अधिकार FRA के पास नहीं है।

क्या है मामला?
पिछले दो सालों में मुंबई, ठाणे और पुणे के कई कॉलेजों के खिलाफ फीस बढ़ाने की शिकायतें दर्ज कराई गई थीं। इन शिकायतों में कहा गया था कि कॉलेज FRA द्वारा तय फीस से ज्यादा वसूल रहे हैं।

FRA ने क्यों खारिज की शिकायतें?
FRA का कहना है कि महाराष्ट्र अनएडेड प्राइवेट प्रोफेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (रेगुलेशन ऑफ एडमिशन एंड फीस) एक्ट, 2015 के तहत सिर्फ मौजूदा छात्र, उनके माता-पिता और कॉलेज प्रबंधन ही ‘स्टेकहोल्डर’ की श्रेणी में आते हैं। इसलिए पूर्व छात्रों की शिकायतें सुनने का अधिकार FRA के पास नहीं है।

पूर्व छात्र कहां जा सकते हैं?
FRA ने सुझाव दिया है कि पूर्व छात्र अपनी शिकायतें संबंधित प्रोफेशनल एजुकेशन इंस्टीट्यूट के शीर्ष निकायों, राज्य सरकार या फिर अदालत में ले जा सकते हैं।

एक्ट में बदलाव की मांग
कुछ कानूनी जानकारों का कहना है कि एक्ट में बदलाव करके पूर्व छात्रों को भी ‘स्टेकहोल्डर’ की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए। इससे वे भी FRA के पास अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे।

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