महाराष्ट्र

Sinhastha Kumbh Mela: नासिक में कुंभ मेला से पहले 1482 करोड़ का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट मंजूर, गोदावरी होगी स्वच्छ

Sinhastha Kumbh Mela: नासिक में कुंभ मेला से पहले 1482 करोड़ का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट मंजूर, गोदावरी होगी स्वच्छ

नासिक की पवित्र धरती हर बारह साल में सिम्हस्थ कुंभ मेला (Sinhastha Kumbh Mela) का गवाह बनती है। लाखों श्रद्धालु गोदावरी नदी के तट पर आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। लेकिन इस विशाल आयोजन के साथ-साथ शहर की सफाई और पर्यावरण की सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने 9 जून 2025 को नासिक में 1482.95 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewage Treatment Plant) को मंजूरी दी। यह कदम न सिर्फ कुंभ मेले की तैयारियों का हिस्सा है, बल्कि गोदावरी नदी और नासिक के पर्यावरण को स्वच्छ रखने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

सिम्हस्थ कुंभ मेला (Sinhastha Kumbh Mela) अक्टूबर 2025 से सितंबर 2026 तक चलेगा। इस दौरान देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु नासिक पहुंचेंगे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने से शहर की जल और सीवेज व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ता है। गोदावरी नदी, जो इस मेले का केंद्र है, उसकी स्वच्छता बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। नासिक नगर निगम ने इस समस्या से निपटने के लिए एक हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (PPP-HAM) के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewage Treatment Plant) बनाने का फैसला किया। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 2632.95 करोड़ रुपये है, जिसमें 25 साल तक प्लांट की देखभाल और मरम्मत शामिल है। लेकिन सरकार ने फिलहाल निर्माण के लिए 1482.95 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।

इस प्रोजेक्ट का 70 फीसदी हिस्सा, यानी 1038.07 करोड़ रुपये, राज्य सरकार अनुदान के रूप में देगी। बाकी 444.88 करोड़ रुपये ठेकेदार को जुटाने होंगे। इस तरह की साझेदारी से न केवल लागत का बोझ कम होता है, बल्कि प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने में भी मदद मिलती है। शहरी विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करना जरूरी है। सीवेज ट्रीटमेंट को आधुनिक बनाना न केवल पर्यावरण संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए भी जरूरी है।

नासिक में पहले से ही गोदावरी नदी की सफाई और जल शुद्धिकरण के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जून 2025 की शुरुआत में नासिक में एक समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने बताया कि बुनियादी ढांचे के लिए 4000 करोड़ रुपये की बोली पहले ही आमंत्रित की जा चुकी है, और 2000 करोड़ रुपये के अन्य टेंडर अंतिम चरण में हैं। इनमें गोदावरी की सफाई, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, पानी की शुद्धि और नदी में अधिक पानी छोड़ने जैसे काम शामिल हैं। इसके अलावा, साधुग्राम के लिए जमीन भी चिह्नित कर ली गई है, जिसे जल्द ही अधिग्रहित किया जाएगा।

गोदावरी नदी नासिक की आत्मा है। कुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक उत्सव है। लेकिन पिछले कुछ सालों में नदी में बढ़ते प्रदूषण ने चिंता बढ़ा दी है। सीवेज का अनुपचारित पानी नदी में मिलने से उसकी गुणवत्ता खराब हो रही है। यह न केवल श्रद्धालुओं के लिए खतरा है, बल्कि नदी के किनारे रहने वाले लोगों और जीव-जंतुओं के लिए भी हानिकारक है। नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है। यह प्लांट नदी में जाने वाले गंदे पानी को साफ करेगा, जिससे गोदावरी की पवित्रता बनी रहेगी।

नासिक नगर निगम के लिए यह प्रोजेक्ट एक बड़ी जिम्मेदारी है। हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के तहत ठेकेदार को न केवल प्लांट बनाना होगा, बल्कि उसकी देखभाल भी करनी होगी। यह मॉडल इसलिए चुना गया, क्योंकि यह सरकार और निजी क्षेत्र के बीच एक संतुलन बनाता है। ठेकेदार को 25 साल तक प्लांट की जिम्मेदारी लेनी होगी, जिससे इसकी गुणवत्ता और दक्षता सुनिश्चित हो सके। नासिक के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है, जो शहर को न केवल कुंभ मेले के लिए तैयार करेगा, बल्कि भी।

कुंभ मेला हर बार नासिक को दुनिया के नक्शे पर लाता है। यह आस्था, संस्कृति और एकजुटता का प्रतीक है। लेकिन इसके साथ ही स्वच्छता और पर्यावरण की रक्षा भी उतनी ही जरूरी है। नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नासिक के लोगों के लिए भी एक वरदान साबित होगा, क्योंकि यह शहर की सीवेज व्यवस्था को लंबे समय तक मजबूत करेगा।

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