दुनिया के सबसे ऊंचे ब्रिज पर चली ट्रेन: भारतीय रेलवे के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। जम्मू-कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल पर सफल ट्रायल रन किया गया है। एएनआई द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में, एक ट्रेन को जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहाड़ों की पृष्ठभूमि में चिनाब नदी पर बने ऊंचे रेलवे पुल से गुजरते हुए देखा जा सकता है। यह पुल रामबन जिले के संगलदान और रियासी के बीच बनाया गया है। अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही इस लाइन पर रेल सेवाएं शुरू हो जाएंगी।
#WATCH | J&K: Indian Railway conducts a trial run on the newly constructed world’s highest railway bridge-Chenab Rail Bridge, built between Sangaldan in Ramban district and Reasi. Rail services on the line will start soon pic.twitter.com/gHGxhMHYe3
— ANI (@ANI) June 20, 2024
रेल मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना (USBRL) के संगलदान-रियासी खंड के बीच मेमू ट्रेन का सफल परीक्षण किया गया है।
Successful trial run of MEMU train between Sangaldan – Reasi section of USBRL project.
📍Jammu & Kashmir pic.twitter.com/GjaKX6Ci8Q
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 20, 2024
क्या है USBRL?
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना (USBRL) के तहत उधमपुर से बारामूला तक 272 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण किया गया है। यह लाइन कश्मीर घाटी को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ती है। इस परियोजना को आजादी के बाद भारतीय रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं में से एक माना जाता है।
- सुरंगें: USBRL परियोजना में कुल 38 सुरंगें हैं, जिनकी कुल लंबाई 119 किलोमीटर है। इसमें सबसे लंबी सुरंग (T-49) की लंबाई 12.75 किलोमीटर है, जो देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग है।
- पुल: परियोजना में 927 पुल शामिल हैं, जिनकी कुल लंबाई 13 किलोमीटर है। इन पुलों में सबसे महत्वपूर्ण चिनाब पुल है, जिसकी कुल लंबाई 1315 मीटर है। इसका आर्च 467 मीटर लंबा है और यह नदी तल से 359 मीटर ऊंचा है। यह एफिल टावर से लगभग 35 मीटर ऊंचा है और दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च रेलवे पुल माना जाता है।
परियोजना के चरण:
- पहला चरण: 118 किमी लंबे काजीगुंड-बारामूला खंड का उद्घाटन अक्टूबर 2009 में हुआ।
- दूसरा चरण: जून 2013 में 18 किमी लंबे बनिहाल-काजीगुंड खंड का उद्घाटन।
- तीसरा चरण: जुलाई 2014 में 25 किमी लंबे उधमपुर-कटरा खंड का उद्घाटन।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद, कश्मीर घाटी भारतीय रेलवे नेटवर्क से पूरी तरह से जुड़ जाएगी, जिससे क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
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