Maharashtra: शिंदखेड़ा तालुका में पिछले करीब 10 दिनों से लगातार बादल छाए रहने और बीच-बीच में भारी बारिश ने किसानों को संकट में डाल दिया है। कई गांवों में ग्रीष्मकालीन फसलों की कटाई चल रही थी, लेकिन अचानक हुई बारिश ने फसलों को सड़ा दिया। प्याज, मूंगफली, बाजरा और ज्वार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे किसान असहाय हो गए हैं।
दुख की बात है कि वरसूस, पाटन, सुलवाडे और निरगुडी जैसे क्षेत्रों में मूंगफली की कटाई शुरू हो चुकी थी। गौरतलब है कि मूंगफली को उखाड़ने के बाद उसे 3-4 दिनों तक सुखाने की आवश्यकता होती है, लेकिन लगातार बारिश के कारण मिट्टी गीली हो गई है, जिससे फसल मिट्टी में ही अंकुरित होने लगी है। वरसूस के किसान दिवानसिंग गिरासे ने अपनी व्यथा साझा करते हुए कहा कि केवल मूंगफली की पत्तियां ही उपयोग में आ सकती हैं, और श्रम लागत अब आय से अधिक हो रही है।
गौरतलब है कि वर्तमान में, कुछ गांवों में तलाठी और कृषि सहायकों ने निरीक्षण शुरू किया है, लेकिन फसलों के नुकसान का व्यापक आकलन अभी तक नहीं हुआ है। किसानों ने चेतावनी दी है कि सर्वेक्षण प्रक्रिया में देरी होने से फसलों के खराब होने के ठोस सबूत जुटाना मुश्किल हो सकता है। वे प्रशासन से त्वरित कार्रवाई और अपने नुकसान की तत्काल मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
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