मुंबई

BMC Demolishes 13 Illegal Bhattis in Sakinaka: खैरानी रोड पर बीएमसी ने ध्वस्त की 13 भट्टियां, अवैध भट्टियों का खेल 48 घंटे में फिर शुरू

BMC Demolishes 13 Illegal Bhattis in Sakinaka: खैरानी रोड पर बीएमसी ने ध्वस्त की 13 भट्टियां, अवैध भट्टियों का खेल 48 घंटे में फिर शुरू

BMC Demolishes 13 Illegal Bhattis in Sakinaka: मुंबई, जो अपने चमक-दमक और तेज रफ्तार जीवन के लिए जाना जाता है, एक बार फिर एक गंभीर मुद्दे के कारण चर्चा में है। साकीनाका के खैरानी रोड पर अवैध भट्टियां (Illegal Bhattis, अवैध भट्टियां) न केवल पर्यावरण के लिए खतरा बनी हुई हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा रही हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने हाल ही में इस क्षेत्र में 13 अवैध भट्टियों को ध्वस्त किया, जो छोटे-छोटे औद्योगिक इकाइयों में संचालित हो रही थीं। लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि ये अवैध इकाइयां 48 घंटों के भीतर फिर से शुरू (Resume Operations, पुनः संचालन) हो जाती हैं। यह स्थिति न केवल बीएमसी की कार्रवाइयों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि मुंबई जैसे शहर में वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याओं से निपटना कितना चुनौतीपूर्ण है।

खैरानी रोड और चांदिवली क्षेत्र के निवासी लंबे समय से इन अवैध भट्टियों से निकलने वाले जहरीले धुएं की शिकायत कर रहे हैं। यह धुआं इतना तेज और बदबूदार होता है कि रात के समय सांस लेना मुश्किल हो जाता है। स्थानीय निवासी रमेश माली ने बताया कि यह धुआं बच्चों, बुजुर्गों, और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए खास तौर पर खतरनाक है। कई लोगों को एलर्जी, गले में संक्रमण, सांस लेने में तकलीफ, और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रमेश ने कहा कि बीएमसी बार-बार इन भट्टियों को तोड़ती है, लेकिन 48 घंटों के भीतर ये फिर से शुरू हो जाती हैं। यह स्थिति रात में और भी बदतर हो जाती है, जब गाढ़ा और जहरीला धुआं हवा में फैल जाता है, जिससे निवासियों का जीना मुहाल हो जाता है।

बीएमसी ने इस समस्या से निपटने के लिए एल वार्ड की एक समर्पित टीम को जिम्मेदारी सौंपी। इस टीम में तीन सहायक इंजीनियर, तीन जूनियर इंजीनियर, चार मुकादम, और 20 मजदूर शामिल थे। कार्रवाई के दौरान साकीनाका पुलिस स्टेशन के कर्मी भी मौजूद थे, ताकि कोई व्यवधान न हो। बीएमसी ने न केवल इन 13 भट्टियों को ध्वस्त किया, बल्कि इन अवैध इकाइयों में इस्तेमाल होने वाले 10 स्क्रबर्स को भी नष्ट कर दिया। इसके अलावा, 12 गालों की बिजली आपूर्ति को स्थायी रूप से काट दिया गया, जबकि एक गाला पहले से ही बिजली से वंचित था। यह कार्रवाई वायु प्रदूषण को कम करने और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम था।

लेकिन निवासियों का कहना है कि यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। खैरानी रोड के ओलिविया बिल्डिंग के सचिव प्रशांत ठाकुर ने बताया कि इन भट्टियों की चिमनियां उनकी इमारत के ठीक सामने हैं। उन्होंने कहा कि बीएमसी की तोड़फोड़ के बावजूद स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। ये अवैध इकाइयां बार-बार वापस आ जाती हैं, जिससे निवासियों को लगातार स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रशांत ने यह भी बताया कि रात के समय धुआं इतना घना होता है कि खिड़कियां बंद करने के बावजूद घरों में बदबू और प्रदूषण का असर रहता है। यह स्थिति खासकर उन परिवारों के लिए परेशानी का सबब है, जिनमें छोटे बच्चे और बुजुर्ग रहते हैं।

एल वार्ड के सहायक आयुक्त धनाजी हर्लेकर ने इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि बीएमसी साकीनाका पुलिस, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB), अडानी इलेक्ट्रिकल्स, और जल विभाग के साथ मिलकर एक संयुक्त कार्य योजना तैयार कर रही है। अब तक 50 अवैध भट्टियों को ध्वस्त किया जा चुका है, और आगे भी कार्रवाई की योजना है। हर्लेकर ने यह भी उल्लेख किया कि यह क्षेत्र एक झुग्गी बस्ती है, जिसके कारण समन्वय और कार्रवाई में कुछ चुनौतियां आती हैं। लेकिन उनका दावा है कि बीएमसी इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह समस्या केवल खैरानी रोड तक सीमित नहीं है। साकीनाका और चांदिवली जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध भट्टियां और छोटी-मोटी इकाइयां लंबे समय से वायु प्रदूषण का प्रमुख स्रोत बनी हुई हैं। ये इकाइयां अक्सर बिना किसी अनुमति के चलती हैं और रात के समय संचालित होती हैं, ताकि प्रशासन की नजरों से बचा जा सके। इन भट्टियों में धातु को पिघलाने की प्रक्रिया होती है, जिसके दौरान निकलने वाला धुआं हवा में जहरीले कण फैलाता है। यह धुआं न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि आसपास के लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी पैदा करता है।

मुंबई में वायु प्रदूषण पहले से ही एक बड़ी चुनौती है। शहर में हर साल मानसून के बाद हवा की गुणवत्ता में गिरावट देखी जाती है। खैरानी रोड जैसे क्षेत्रों में अवैध भट्टियां इस समस्या को और बढ़ा देती हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन भट्टियों के कारण उनके बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं, और बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ होती है। कई लोग अपने घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं, लेकिन यह समाधान हर परिवार के लिए संभव नहीं है। निवासियों ने बीएमसी से मांग की है कि वे इन भट्टियों के खिलाफ सख्त और दीर्घकालिक कार्रवाई करें, ताकि ये इकाइयां बार-बार न शुरू हों।

यह मुद्दा न केवल स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ा है, बल्कि यह प्रशासनिक जवाबदेही का सवाल भी उठाता है। निवासियों का कहना है कि बीएमसी की कार्रवाइयां अक्सर सतही होती हैं, और अवैध इकाइयों के मालिकों को फिर से शुरू करने का मौका मिल जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि इन इकाइयों को कुछ स्थानीय नेताओं और अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण ये बार-बार उभर आती हैं। बीएमसी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से उम्मीद जगी है, लेकिन निवासी चाहते हैं कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।

#IllegalBhattis #AirPollution #MumbaiBMC #KhairaniRoad #HealthIssues

ये भी पढ़ें: 17 जून 2025 का ज्योतिषीय राशिफल: सभी राशियों के लिए शुभ रंग, अंक और मंत्र

You may also like