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न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक स्कैम: 24.93 करोड़ की हेराफेरी, हीरेन और गौरी भानु पर दर्ज हुई नई FIR

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक
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मुंबई, 19 जून 2025: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में 24.93 करोड़ रुपये के बड़े आर्थिक घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में बैंक के तत्कालीन वाइस चेयरमैन हीरेन भानु और उनकी पत्नी व कार्यवाहक चेयरपर्सन गौरी भानु के खिलाफ एक और FIR दर्ज की गई है। EOW ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 406, 409, 418 और 120(B) के तहत मामला दर्ज किया है।

घोटाले का खुलासा: 77 करोड़ रुपये के लोन में गड़बड़ी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान पता चला कि बैंक के तत्कालीन चेयरमैन रणजीत भानु (मृत), वाइस चेयरमैन हीरेन भानु, गौरी भानु, एमडी दमयंती साळुंखे, अन्य संचालकों और परसेप्ट ग्रुप के निदेशकों (हरिंदर पाल सिंह, मनोज कुमार पात्रा, सुकेत कुमार पटेल, अभिमन्यु भोन) ने आपराधिक साजिश रची। बिना उचित ड्यू डिलिजेंस के परसेप्ट ग्रुप को 77 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया गया।

इसके बाद, हीरेन भानु और अन्य ने फर्जी व्यापारिक बिलों के जरिए 6.37 करोड़ रुपये अपनी कंपनियों में ट्रांसफर किए। जब परसेप्ट ग्रुप के लोन खाते NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) घोषित हुए, तो बैंक अधिकारियों ने साजिश के तहत 18.56 करोड़ रुपये की मूल राशि और ब्याज माफ कर दिया, जिससे बैंक को कुल 24.93 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

वन-टाइम सेटलमेंट (OTS) में भी घपला
EOW की जांच में सामने आया कि बैंक ने 274 लोन खातों में वन-टाइम सेटलमेंट (OTS) के जरिए लोन बंद किए, जिनमें से 176 खातों में 1 करोड़ रुपये से अधिक के लोन थे। सूत्रों का कहना है कि ये सेटलमेंट्स संदिग्ध तरीके से और बिना पारदर्शिता के किए गए। जांच में कुछ खातों में सेटलमेंट के बाद रिश्वत के रूप में राशि ट्रांसफर होने के सबूत भी मिले हैं। एक अधिकारी ने बताया, “यह एक स्क्रिप्टेड स्कैम था, जिसमें OTS के नाम पर लोन माफ किए गए और अधिकारियों को किकबैक मिला।”

400 करोड़ रुपये का कथित घोटाला
पुलिस के अनुसार, बैंक अधिकारियों ने जानबूझकर लोन को NPA घोषित किया और फिर OTS के जरिए कम राशि में लोन माफ कर दिया। इस प्रक्रिया में अधिकारियों को मोटी रकम किकबैक के रूप में मिलने का संदेह है। इस पूरे घोटाले में करीब 400 करोड़ रुपये की हेराफेरी का अनुमान है, जिसमें हीरेन भानु और गौरी भानु की प्रमुख भूमिका सामने आ रही है।

हीरेन और गौरी भानु पर पहले से हैं आरोप
हीरेन भानु और गौरी भानु 122 करोड़ रुपये के एक अन्य गबन मामले में पहले ही आरोपी बनाए जा चुके हैं और उन्हें प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित किया गया है। पुलिस ने उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था, लेकिन अब रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी है। जांच अधिकारियों का कहना है कि हीरेन भानु का आखिरी लोकेशन दुबई में मिला था, लेकिन संदेह है कि वे अब लंदन में हो सकते हैं, क्योंकि उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है।

EOW इस मामले में गहन जांच कर रही है और अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस घोटाले में शामिल सभी दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

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