मुंबई के व्यस्त इलाकों में एक डॉक्टर दंपत्ति एक बड़े धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। विशाखापत्तनम तबादले पर गए डॉक्टर की पत्नी ने जब अपनी कार ट्रांसपोर्ट के लिए सर्च की, तो जालसाजों ने उन्हें चतुराई से अपने झांसे में फंसा लिया और लाखों रुपये ऐंठ लिए।
विशाखापत्तनम में अस्थाई तबादले के कारण डॉक्टर साब अपनी कार साथ ले जाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने गूगल पर ट्रांसपोर्ट कंपनियों को खोजना शुरू किया। इसी दौरान उन्हें तथाकथित ‘अग्रवाल ट्रांसपोर्ट कंपनी’ का नंबर मिला।
पंकज सिंह नाम के एक व्यक्ति ने इस कंपनी से होने का दावा करते हुए डॉक्टर साब को कार विशाखापत्तनम पहुंचाने के लिए 17,000 रुपये का कोटेशन दिया। बात तय होने के बाद, डॉक्टर साब ने यह रकम पंकज के बताए खाते में जमा करवा दी। इसके बाद, सुनील नाम का एक शख्स खुद को अग्रवाल ट्रांसपोर्ट का कर्मचारी बताकर आया और कार की चाबी ले गया।
कुछ देर बाद, पंकज ने डॉक्टर साब को व्हाट्सऐप पर मैसेज कर ट्रांसपोर्ट इंश्योरेंस के नाम पर और पैसे मांगे। इस पर शक होने के बाद जब डॉक्टर साब ने पैसे देने से मना किया, तो पंकज गोलमोल जवाब देने लगा। जब डॉक्टर साब ने अपनी कार का लोकेशन ऑनलाइन ट्रैक किया तो पता चला कि उनकी कार सोलापुर पहुंच चुकी है और किसी भुगतान के ना होने की वजह से वहीं रोकी गई है!
बार-बार संपर्क करने के बाद भी जब कार नहीं पहुंची, तो परेशान होकर डॉक्टर साब ने अग्रीपाड़ा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और पुलिस छानबीन कर रही है।