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BMC New Plan to Fix Potholes in Mumbai: मुंबई की सड़कों को गड्ढा-मुक्त बनाने की बीएमसी की नई पहल, 227 वार्डों में इंजीनियर नियुक्त किए, सड़कों की मरम्मत शुरू

BMC New Plan to Fix Potholes in Mumbai: मुंबई की सड़कों को गड्ढा-मुक्त बनाने की बीएमसी की नई पहल, 227 वार्डों में इंजीनियर नियुक्त किए, सड़कों की मरम्मत शुरू

BMC New Plan to Fix Potholes in Mumbai: मुंबई की सड़कों पर गड्ढों की समस्या हर साल मानसून के आगमन के साथ चर्चा का विषय बन जाती है। बारिश की पहली बूंदों के साथ ही सड़कों पर गड्ढे उभरने लगते हैं, जो शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बनते हैं। इस साल, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने इस समस्या से निपटने के लिए एक ठोस कदम उठाया है। बीएमसी ने मुंबई के 227 वार्डों में सेकेंडरी इंजीनियरों (secondary engineers) को नियुक्त किया है, ताकि सड़कों का नियमित निरीक्षण हो और गड्ढों को तुरंत भरा जाए। यह पहल न केवल सड़कों को बेहतर बनाने की दिशा में एक प्रयास है, बल्कि मुंबईवासियों के लिए सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने का वादा भी है।

मुंबई, जो भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में जानी जाती है, अपनी व्यस्त सड़कों और ट्रैफिक के लिए भी मशहूर है। लेकिन मानसून के दौरान सड़कों पर गड्ढे (potholes in Mumbai) यात्रियों के लिए चुनौती बन जाते हैं। खासकर दोपहिया वाहन चालकों को इन गड्ढों के कारण खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बीएमसी के अनुसार, पिछले तीन सालों में गड्ढों की संख्या में धीरे-धीरे कमी आई है, लेकिन अभी भी कई सड़कें ऐसी हैं, जिनका कंक्रीटीकरण नहीं हुआ है। इन सड़कों पर गड्ढों की समस्या बनी रहती है। इसीलिए, बीएमसी ने इस साल सड़क मरम्मत और गड्ढे भरने के लिए 154 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। यह राशि शहर की सड़कों को बेहतर बनाने और यात्रियों को राहत देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

बीएमसी के अतिरिक्त नगर आयुक्त (प्रोजेक्ट्स) अभिजीत बांगर ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी 227 वार्डों में नियुक्त सेकेंडरी इंजीनियरों को हर दो दिन में एक बार सड़कों का निरीक्षण करना होगा। खास बात यह है कि इंजीनियरों को यह निरीक्षण दोपहिया वाहनों पर करना होगा, ताकि वे सड़कों की वास्तविक स्थिति को बेहतर ढंग से समझ सकें। इस निर्देश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गड्ढों को समय पर पहचाना जाए और उनकी मरम्मत तुरंत की जाए। बांगर ने यह भी कहा कि सड़कों को खराब होने से बचाने के लिए गड्ढों को तब भरा जाए, जब उनकी गहराई 6 से 12 इंच के बीच हो। इससे सड़कों की स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सकता है।

गड्ढों को भरने के लिए बीएमसी ने इस बार नई तकनीकों का उपयोग करने का फैसला किया है। पहले जहां कोल्ड मिक्स का इस्तेमाल किया जाता था, अब मास्टिक डामर (mastic asphalt) का उपयोग अनिवार्य किया गया है। मास्टिक डामर को गड्ढों को भरने के लिए अधिक टिकाऊ और प्रभावी माना जाता है, क्योंकि यह बारिश के पानी के प्रभाव को बेहतर ढंग से सहन कर सकता है। बीएमसी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मास्टिक डामर तैयार करने वाली मशीनें, जिन्हें मास्टिक कूकर कहा जाता है, अच्छी स्थिति में हों और समय पर उपलब्ध रहें। इसके अलावा, इस साल एक और नई पहल की गई है। मास्टिक कूकर वाहनों में जीपीएस डिवाइस और वाहन ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं। यह कदम ठेकेदारों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि यह पता चल सके कि गड्ढों को भरने का काम समय पर और सही तरीके से हो रहा है।

मुंबई में सड़कों का कंक्रीटीकरण (road concretisation) एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे 2022 में शुरू किया गया था। इसका लक्ष्य शहर की सड़कों को गड्ढा-मुक्त (pothole-free roads) बनाना है। इस परियोजना के तहत कई सड़कों को कंक्रीट की परत से मजबूत किया जा रहा है, जो लंबे समय तक टिकाऊ रहती हैं। हालांकि, अभी भी कई सड़कें ऐसी हैं, जो इस प्रक्रिया से गुजर रही हैं। इन सड़कों पर गड्ढों की समस्या को हल करने के लिए बीएमसी ने ठेकेदारों को नियुक्त किया है, जो विशेष रूप से गड्ढों को भरने का काम करेंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि काम में कोई देरी न हो, बीएमसी ने इंजीनियरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे सड़कों का नियमित दौरा करें और गड्ढों को प्राथमिकता के आधार पर भरें।

यह पहल न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मुंबईवासियों के लिए एक राहत की खबर भी है। हर साल मानसून के दौरान गड्ढों के कारण होने वाली परेशानियां, जैसे ट्रैफिक जाम, वाहनों को नुकसान और दुर्घटनाओं का खतरा, शहरवासियों के लिए एक बड़ी चुनौती होती हैं। बीएमसी की इस नई रणनीति से उम्मीद है कि सड़कों की स्थिति में सुधार होगा और यात्रा करना पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक होगा। इंजीनियरों की सक्रियता और नई तकनीकों का उपयोग इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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