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बॉम्बे हाई कोर्ट का फ़ैसला: सार्वजनिक जगहों का निजी फ़ायदे के लिए नहीं हो सकता इस्तेमाल

Bombay High Court: Public Spaces Cannot Be Used For Personal Gains
बॉम्बे हाई कोर्ट ने अवैध होर्डिंग्स और बैनरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि कोई भी व्यक्ति या समूह सार्वजनिक स्थानों का उपयोग विज्ञापन या निजी लाभ के लिए नहीं कर सकता है।

भारत के कई शहरों में अवैध होर्डिंग और बैनर एक आम समस्या है। ये न सिर्फ़ शहरों की सुंदरता को खराब करते हैं, बल्कि कई बार दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक स्थानों जैसे फुटपाथ, सड़क की बत्तियों और सड़कों का इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति या समूह, फिर चाहे वह कोई राजनीतिक दल हो, व्यावसायिक संस्था हो या धार्मिक संगठन, निजी फ़ायदे या विज्ञापन के लिए नहीं कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के अवैध होर्डिंग्स और बैनर्स राहगीरों और सड़क उपयोग करने वालों के लिए ख़तरा पैदा करते हैं।

चीफ़ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस आरिफ़ एस डॉक्टर की खंडपीठ अवैध होर्डिंग्स और बैनर्स के खिलाफ़ कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

कोर्ट ने बीएमसी को निर्देश देते हुए कहा कि वह इस बात का प्रचार करे कि किन सड़कों पर बैनर लगाने की अनुमति है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को भी मामले में शामिल राजनीतिक दलों को अगली सुनवाई में उपस्थित होने के लिए नोटिस देने को कहा। अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

बॉम्बे हाई कोर्ट का यह फ़ैसला स्वागत योग्य है। उम्मीद है कि इससे शहरों से अवैध होर्डिंग और बैनर हटाने में मदद मिलेगी।

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