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Mumbai ONTV News: छत्रपति शिवाजी महाराज के किले ‘विश्व धरोहर’ में होंगे शामिल होंगे

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Mumbai ONTV News:  भारत सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज के मराठा साम्राज्य के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची के लिए नामांकित किया है। इन किलों में महाराष्ट्र के 10 और तमिलनाडु का एक किला शामिल है। इन किलों का निर्माण 17वीं और 19वीं शताब्दी के बीच हुआ था और ये मराठा शासन की रणनीतिक सैन्य शक्तियों को प्रदर्शित करते हैं। इन किलों को सांस्कृतिक मानदंड की श्रेणी में नामांकित किया गया है।

संस्कृति मंत्रालय ने घोषणा की है कि वर्ष 2024-25 के लिए ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ यूनेस्को की विश्व विरासत सूची के रूप में मान्यता के लिए भारत की ओर से नामांकित किया जाएगा। इसमें मुख्य तौर पर महाराष्ट्र के छत्रपति शिवाजी महाराज के मराठा साम्राज्य के ऐतिहासिक धरोहर शामिल हैं।

इन किलों में शामिल हैं:

महाराष्ट्र से सलहेर किला, शिवनेरी किला, लोहगढ़ किला, खंडेरी किला, रायगढ़ किला,  राजगढ़ किला, प्रतापगढ़ किला, सुवर्णदुर्ग किला, पन्हाला किला, विजय दुर्ग, सिंधुदुर्ग और तमिलनाडु से जिंजी किला के नाम शामिल हैं।

जानकारी हो कि महाराष्ट्र में 390 से अधिक किले हैं जिनमें से केवल 12 किले भारत के ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ के तहत चुने गए हैं। 17वीं और 19वीं शताब्दी के बीच बने ये किले मराठा शासन की रणनीतिक सैन्य शक्तियों को प्रदर्शित करते हैं। इनमें से आठ किले- शिवनेरी किला, लोहगढ़, रायगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और जिंजी किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) द्वारा संरक्षित हैं। जबकि सालहेर किला, राजगढ़, खंडेरी किला और प्रतापगढ़ महाराष्ट्र सरकार के पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय द्वारा संरक्षित हैं।

मराठा सैन्य परिदृश्य को सांस्कृतिक मानदंड की श्रेणी में इन किलों को नामांकित किया गया है। इसमें सालहेर किला, शिवनेरी किला, लोहागढ़, रायगढ़, राजगढ़ और जिंजी किला पहाड़ी किले हैं। (Mumbai ONTV News)

वहीं प्रतापगढ़ पहाड़ी-वन्य किला है एवं पन्हाला पहाड़ी-पठार किला है, तथा विजयदुर्ग तटीय किला है। जबकि खंडेरी किला, सुवर्णदुर्ग और सिंधुदुर्ग द्वीपीय किले हैं।

मराठा सैन्य विचारधारा की शुरुआत 17वीं शताब्दी में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल के समय 1670 CE में हुई और यह बाद के नियमों के अनुसार 1818 CE तक चले पेशवा शासन तक जारी रही।

वर्तमान में भारत में 42 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें से 34 सांस्कृतिक स्थल हैं, 7 प्राकृतिक स्थल हैं जबकि एक मिश्रित स्थल है।

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महाराष्ट्र में छह विश्व धरोहर स्थल हैं, जिसमें 5 सांस्कृतिक और एक प्राकृतिक है। इसमें अजंता गुफाएं (1983), एलोरा गुफाएं (1983), एलीफेंटा गुफाएं (1987), छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (2004), विक्टोरियन गोथिक एंड आर्ट डेको एसेंबल्स ऑफ मुंबई (2018), महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट (2012) जो कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल तक फैले हुए हैं। यह प्राकृतिक श्रेणी में शामिल हैं। (Mumbai ONTV News)

ये किले भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन किलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल होने से भारत की विश्व स्तर पर पहचान बढ़ेगी और इन किलों के संरक्षण में मदद मिलेगी।

यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति हर साल नई जगहों को विश्व धरोहर सूची में शामिल करती है। इस सूची में शामिल होने के लिए जगहों को सांस्कृतिक या प्राकृतिक महत्व का होना चाहिए। (Mumbai ONTV News)

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