Mumbai ONTV News: पश्चिम रेलवे ने आरक्षित टिकट खिड़कियों पर टॉकबैक सिस्टम लगाने का निर्णय लिया है। ये निर्णय यात्रियों और कर्मचारियों के बीच संवाद को बेहतर बनाने और टिकट जारी करने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए लिया गया है।
टॉकबैक सिस्टम कैसे काम करता है?
टॉकबैक सिस्टम में एक माइक्रोफोन और स्पीकर होता है। यात्री माइक्रोफोन से अपनी बात कहते हैं, जिसे स्पीकर के माध्यम से कर्मचारी सुन सकते हैं। इसके विपरीत, कर्मचारी भी स्पीकर के माध्यम से यात्री से बात कर सकते हैं।
पश्चिम रेलवे में टॉकबैक सिस्टम
पश्चिम रेलवे ने 36 स्टेशनों पर 436 टॉकबैक सिस्टम लगाए हैं। इनमें चर्चगेट से दहानू तक के स्टेशन शामिल हैं। (Mumbai ONTV News)
टॉकबैक सिस्टम के लाभ
- टॉकबैक सिस्टम से यात्रियों और कर्मचारियों के बीच संवाद में सुधार होगा।
इससे टिकट जारी करने की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।
इसके अलावा, यह प्रणाली यात्रियों को सही टिकट प्राप्त करने में भी मदद करेगी।
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भविष्य में संभावनाएं
पश्चिम रेलवे भविष्य में अन्य स्टेशनों पर भी टॉकबैक सिस्टम लगाने की योजना बना रहा है। इससे यात्रियों को टिकट खरीदने में और भी अधिक सुविधा होगी।
पश्चिम रेलवे का ये निर्णय यात्रियों और कर्मचारियों के लिए एक अच्छा कदम है। इससे दोनों पक्षों के बीच संवाद में सुधार होगा और टिकट जारी करने की प्रक्रिया भी तेज होगी। (Mumbai ONTV News)