मुंबई

हाईकोर्ट ने मांगी निजी स्कूलों से जानकारी, RTE सीटों पर कितने प्राइवेट स्टूडेंट्स को दिया एडमिशन?

हाईकोर्ट
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मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को एसोसिएशन ऑफ इंडियन स्कूल्स से उन प्राइवेट छात्रों की जानकारी मांगी है जिन्हें उनके सदस्य स्कूलों ने RTE कोटा के तहत आरक्षित सीटों पर एडमिशन दिया है। RTE के अनुसार, निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षित होनी चाहिए।

सरकार ने क्या कहा?
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि वो RTE कोटा के तहत एडमिशन के लिए लॉटरी तो शुरू करेगी, लेकिन इन निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की सीटों पर अगले आदेश तक कोई आवंटन नहीं करेगी।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, इस मामले में एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के 6 मई के आदेश को वापस लेने की मांग की थी। इस आदेश में हाईकोर्ट ने 9 फरवरी के सरकारी आदेश पर रोक लगा दी थी। सरकारी आदेश के अनुसार, अगर किसी निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूल के 1 किमी के दायरे में सरकारी स्कूल है, तो उसे RTE कोटा के तहत बच्चों को एडमिशन देने से छूट दी गई थी।

एसोसिएशन का दावा है कि फरवरी के सरकारी आदेश के बाद उसके सदस्य स्कूलों ने उन 25% सीटों पर प्राइवेट छात्रों को भी एडमिशन दे दिया था। एसोसिएशन ने ये भी कहा कि आमतौर पर जून से शुरू होने वाले शैक्षणिक वर्ष के लिए ये पूरी प्रक्रिया मार्च-अप्रैल में ही पूरी हो जाती है। लेकिन हाईकोर्ट ने मई में सरकारी आदेश पर रोक लगा दी।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने एसोसिएशन से उसके सदस्य स्कूलों के नाम और प्रत्येक स्कूल में एडमिशन पाने वाले छात्रों की संख्या (यदि उपलब्ध हो) का खुलासा करने को कहा है। ये जानकारी 10 जून तक देनी होगी। हाईकोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 12 जून को करेगा।

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