मुंबई

पानी की किल्लत से जूझ रहा मुंबई यूनिवर्सिटी का कलीना कैंपस, अब कुएं और बोरवेल से बुझेगी प्यास!

कलीना कैंपस
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मुंबई यूनिवर्सिटी अपने कलीना कैंपस में पानी की कमी की समस्या से निपटने के लिए नए तरीके अपना रही है। इसके लिए 25 करोड़ रुपये का बजट भी रखा गया है।

कलीना कैंपस में पानी की कमी एक पुरानी समस्या है, जिसकी वजह से छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पिछले साल अप्रैल में तो पानी की किल्लत के कारण छात्रों ने प्रदर्शन भी किया था।

क्या है यूनिवर्सिटी का प्लान?
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पानी की समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाने का फैसला किया है। इसके तहत कैंपस में पांच कुएं और छह बोरवेल खोदे जाएंगे। साथ ही, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने पर भी काम किया जाएगा।

क्यों हो रही है पानी की कमी?
पिछले 15 सालों में कैंपस में कई नई इमारतें बनी हैं, लेकिन नगर निगम की तरफ से पानी की सप्लाई नहीं बढ़ाई गई है। इस वजह से हॉस्टल और दूसरे विभागों में पानी की कमी हो रही है।

और क्या उपाय किए जा रहे हैं?
यूनिवर्सिटी प्रशासन नए भवनों के लिए पानी के कनेक्शन लेने की कोशिश कर रहा है। इसके अलावा, पानी बचाने के लिए भी कई उपाय किए जा रहे हैं, जैसे कि पेड़ लगाना और पानी का किफायती इस्तेमाल करना।

मुंबई जैसे बड़े शहर में पानी की कमी एक गंभीर समस्या है। यूनिवर्सिटी प्रशासन के ये प्रयास इस समस्या से निपटने में मददगार साबित हो सकते हैं। लेकिन ये भी जरूरी है कि सभी लोग पानी का समझदारी से इस्तेमाल करें।

कलीना कैंपस में फिलहाल रोजाना 3 से 5 पानी के टैंकर मंगवाए जाते हैं, जिस पर हर महीने करीब 2.5 लाख रुपये खर्च होते हैं। नए कुएं और बोरवेल से इस खर्च में कमी आ सकती है।

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