ये मुंबई की बारिश… मस्ती भी और परेशानी भी! बरसात का मजा लेने के साथ ही हर साल मुंबईकरों को सड़कों पर बनने वाले गड्डों का सामना भी करना पड़ता है। इस साल तो BMC (बृहन्मुंबई महानगर पालिका) ने कमर कस ली है कि मानसून के दौरान शहर की सड़कें गड्डों से मुक्त रहेंगी.
तो क्या सचमुच इस बार बचेंगे गड्डों से? आइए जानते हैं…
पिछले साल से ज्यादा बजट!
इस बार BMC पिछले साल के मुकाबले सड़कों के रखरखाव पर 36% ज्यादा पैसा खर्च करने वाली है. जी हां, पूरे 545 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
कहां से आएंगे इतने पैसे?
इन पैसों में से 275 करोड़ सिर्फ सड़कों पर पड़ने वाले गड्डों को भरने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे. हर वार्ड के लिए अलग से 8 से 12 करोड़ रुपये तक का बजट रखा गया है. मतलब, हर इलाके में सड़कें दुरुस्त करने का इंतजाम किया गया है.
छोटी सड़कें भी रहेंगी ठीक!
शहर की बड़ी सड़कों के अलावा छोटी गलियों और मोहल्लों की सड़कों का भी ध्यान रखा जाएगा. हर वार्ड कार्यालय को कम से कम 1 करोड़ रुपये अलग से दिए जाएंगे ताकि वो अपने इलाके की छोटी सड़कों को दुरुस्त कर सकें.
हाईवे भी रहेंगे गड्डों से दूर!
पिछले महीने ही BMC ने ईस्टर्न और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे के रखरखाव और मरम्मत का ठेका ₹146 करोड़ में दिया था। तो हाईवे पर भी फर्राटे भरने का मजा मिलेगा!
क्या पिछले साल का रिकॉर्ड टूटेगा?
पिछले साल मानसून के दौरान BMC करीब 40,000 गड्डे भर पाई थी. इस बार ये आंकड़ा और बेहतर करने की कोशिश है.
पक्की सड़कें! पक्का इरादा!
मुंबई की कुल 2,050 किलोमीटर सड़क में से 990 किलोमीटर पहले ही पक्की कर दी गई हैं. दरअसल, गड्डे ज्यादातर डामर या मैस्टिक की बनी सड़कों पर पड़ते हैं.
तो क्या अब गड्डों की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी?
शायद अभी नहीं! पिछले साल सितंबर और अक्टूबर के बीच अचानक बारिश के कारण गड्डों की संख्या बढ़कर 70,000 हो गई थी.
इसलिए BMC ने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए पहले ही ₹6,000 करोड़ रुपये का ठेका देकर मुंबई की कुल 397 किलोमीटर सड़कों को पक्का करने का काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि इस काम का 30% हिस्सा पूरा हो चुका है।
तो बस इंतजार है बारिशों का… और ये देखने का कि इस बार मुंबई की सड़कें कितना साथ देती हैं!