Mumbai News: हर साल मकर संक्रांति के मौक पर जहां देश भर के लोग खुशियों में मग्न रहते हैं, वहीं दूसरी ओर पतंग के धागों में लिपटे खतरनाक मांझा जीवों को मौत के घाट उतारते रहते हैं. इस साल तो इन नायलॉन के धागों और मांझा ने जमीन पर चलने वाले कई इंसानों को भी अपना शिकार बनाया, तो फिर आसमान में उड़ने वाले पक्षियों की क्या ही बात है. सिर्फ महाराष्ट्र की बात करें तो राज्य में प्रतिबंध होने के बावजूद खतरनाक मांझों से लिपटे पतंग के धागे और नायलॉन के धागे मुंबई और आसपास के बाजारों में आसानी से मिल रहे हैं.
इस साल भी कई लोगों ने मकर संक्रांति के मौके पर पतंग उड़ाने के लिए इन कांच लेपित मांझे या नायलॉन का इस्तेमाल किया, जिसकी चपेट में आने से मुंबई में करीब 1000 से ज्यादा पक्षियों की जान चली गई, जबकि 800 से ज्यादा पक्षी घायल हो गए.
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गौरतलब है कि इस 2 दिन के उत्सव के दौरान कई संस्थाओं ने करीब 25 नि:शुल्क-पक्षी चिकित्सा क्लीनिक बनाए. ऐसे में इन शिविरों में काम करने वाले लोगों ने बताया कि मलाड, कांदिवली, बोरीवली और दहिसर में बचाए गए पक्षियों की संख्या सबसे ज्यादा करीब 500 रही. (Mumbai News)
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