मुंबई में पिछले पाँच साल में एक बेहद चिंताजनक स्थिति सामने आई है। BMC के नए आंकड़ों से पता चला है कि 0 से 5 साल के बच्चों की मृत्यु दर में 21.3% की बढ़ोतरी हुई है। कोविड से पहले जहां 1,779 बच्चों की मौत हुई थी, वहीं 2023 में यह संख्या बढ़कर 2,158 हो गई है। इन पाँच सालों में इस आयु वर्ग के कुल 9,972 बच्चों ने अपनी जान गंवाई है।
दुख की बात ये है कि स्थिति यहीं नहीं रूकती। 2019 और 2023 के बीच 10 से 18 साल के करीब 5,301 बच्चों की भी मौत हुई है। हालांकि, BMC ने 6 से 9 साल के बीच के बच्चों की मौत के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं, जिससे इस संख्या के और बढ़ने की संभावना है।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इस स्थिति के लिए समय से पहले जन्म (pre-term birth), माताओं की मृत्यु, कुपोषण, जन्मजात बीमारियाँ, और संक्रमण जैसे कई कारण ज़िम्मेदार हैं। अधिकारियों के मुताबिक, देर से शादी करने की वजह से समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा, माताओं में कुपोषण होने के कारण नवजात शिशुओं में स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं।
बाल रोग विशेषज्ञों (pediatricians) का मानना है कि कोविड महामारी के बाद बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है, जिस वजह से वो बीमारियों से लड़ नहीं पा रहे हैं। कमज़ोर इम्युनिटी की वजह से उन्हें एनीमिया जैसी खून की बीमारियाँ भी हो रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन मौतों को रोकने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर कदम उठाने की ज़रूरत है।
- BMC के आंकड़े ये भी बताते हैं कि पिछले पाँच सालों में:
- 0 से 5 साल के 5,528 लड़कों और 4,433 लड़कियों की जान गई
- 10 से 18 साल के 1,771 बच्चों की मौत संक्रामक रोगों से हुई
- 2,136 बच्चों की मौत गैर-संक्रामक रोगों के कारण हुई
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