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North Korea Flood: आखिर क्‍या हो गया है तानाशाह किम जोंग को? अपने देशवासियों से बार-बार क्‍यों मांग रहे माफी

North Korea Flood: आखिर क्‍या हो गया है तानाशाह किम जोंग को? अपने देशवासियों से बार-बार क्‍यों मांग रहे माफी

North Korea Flood Apology :उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन अपने सख्त और तानाशाही रवैये के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं। लेकिन हाल ही में उनके व्यवहार में एक ऐसा बदलाव देखने को मिला जिसने सबको चौंका दिया। जुलाई में आई विनाशकारी बाढ़ (Flood in North Korea) ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस आपदा में सैकड़ों लोग मारे गए, हजारों बेघर हो गए, और बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ।

भारी नुकसान और माफी का कारण

उत्तर कोरिया बाढ़ (North Korea Flood) ने सबसे अधिक प्रभावित किया अमनोक नदी के किनारे बसे इलाकों को। इन क्षेत्रों में घर, सड़कें और फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं। बाढ़ के तुरंत बाद किम जोंग-उन ने हालात का जायजा लेने के लिए इन इलाकों का दौरा किया। उन्होंने देखा कि पुनर्निर्माण के कामों में काफी देरी हो रही है, जिससे लोग ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।

हाल ही में आयोजित एक समारोह में किम जोंग-उन ने घरों के पुनर्निर्माण में हुई देरी के लिए माफी मांगी। उन्होंने इसे एक “मानव निर्मित आपदा” बताया और देश की आपदा प्रबंधन एजेंसियों पर नाराजगी जताई। किम का कहना था कि अगर योजनाबद्ध तरीके से काम होता, तो इतने बड़े स्तर पर नुकसान नहीं होता।

15,000 लोग प्योंगयांग भेजे गए

बाढ़ से बेघर हुए लगभग 15,000 लोगों को अस्थायी रूप से प्योंगयांग में स्थानांतरित किया गया। इसके साथ ही, प्रभावित इलाकों में घरों के पुनर्निर्माण का काम शुरू किया गया। लेकिन बार-बार आ रही रुकावटों के चलते काम तय समय पर पूरा नहीं हो सका। किम जोंग-उन ने खुले तौर पर यह स्वीकार किया कि देरी से लोग परेशान हुए और इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी।

आत्मनिर्भरता पर जोर

कई अंतरराष्ट्रीय संगठन और देश उत्तर कोरिया को मदद की पेशकश कर रहे थे, लेकिन किम जोंग-उन ने इसे ठुकरा दिया। उन्होंने आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि यह देश की मजबूती और विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि बाहरी मदद के भरोसे रहना उत्तर कोरिया की नीति के खिलाफ है। इसके साथ ही, उन्होंने आदेश दिया कि तटबंधों को मजबूत किया जाए और ग्रीनहाउस फार्मिंग जैसे नए प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाएं।

भविष्य की योजनाएं और आत्मचिंतन का आह्वान

किम जोंग-उन ने आपदा प्रबंधन एजेंसियों और श्रमिकों से आत्मचिंतन करने की बात कही। उन्होंने इस घटना को एक सबक मानते हुए देश की आपदा निवारण प्रणाली को और मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा, उन्होंने निर्माण के नए उपकरण और कौशल विकसित करने का भी निर्देश दिया।

किम का यह कदम इस बात का संकेत है कि उत्तर कोरिया जैसे सख्त शासन वाले देश में भी मानवीय पक्ष दिखाने का प्रयास किया जा सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में किम जोंग-उन का यह रवैया जारी रहता है या नहीं।

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