मुंबईकरों के लिए खुशखबरी! मानसून से पहले ही शहर गड्ढों से आजाद हो सकता है। चुनाव आयोग ने बीएमसी को सड़कों की मरम्मत के लिए हरी झंडी दिखा दी है, वो भी चल रहे चुनावी आचार संहिता के बावजूद।
मुंबई के गड्ढे किसी से छुपे नहीं हैं। खासकर बरसात के मौसम में ये सड़कें जानलेवा साबित होती हैं। इसी समस्या को देखते हुए बीएमसी हर साल बड़े स्तर पर सड़कों के पैचवर्क का काम करती है। लेकिन कई बार चुनावी आचार संहिता इसमें रोड़ा बन जाती है।
इस बार बीएमसी ने पहले से तैयारी की थी। मार्च में ही उन्होंने पोथोल भरने और वेस्टर्न, ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे की मरम्मत के लिए टेंडर निकाले गए थे। लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता की वजह से इन्हें मंजूरी नहीं मिल पा रही थी। अब, चुनाव आयोग ने इस काम को जरूरी बताते हुए इजाजत दे दी है। अगले हफ्ते से मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा और इसके लिए बीएमसी 106 करोड़ रुपये खर्च करेगी। खास बात ये है कि इस बार ‘मैस्टिक एस्फाल्ट’ तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
ये फैसला मुंबई के लोगों के लिए राहत भरा है। सड़कों के गड्ढे हर साल हादसों की वजह बनते हैं। बीएमसी को दी गई ये छूट सुनिश्चित करेगी कि कम से कम इस मानसून में टूटी सड़कों की मुसीबत थोड़ी कम हो।
बीएमसी सिर्फ गड्ढे भरने पर ही नहीं, बल्कि पूरी तरह से पक्की सड़कों के निर्माण पर भी जोर दे रही है। शहर में लगभग 2,050 किलोमीटर सड़कें हैं, जिनमें से करीब आधी को अब तक कंक्रीट किया जा चुका है। बीएमसी का लक्ष्य है कि हर सड़क को पक्का किया जाए।