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Social Security Pension Scam: गरीबों को मिलनी थी पेंशन, BMW जैसी कारों के मालिक उठा रहे लाभ; ऑडिट में हुआ खुलासा

Social Security Pension Scam: गरीबों को मिलनी थी पेंशन, BMW जैसी कारों के मालिक उठा रहे लाभ; ऑडिट में हुआ खुलासा
केरल में एक ऐसा खुलासा हुआ है, जिसने राज्य सरकार की कल्याण योजनाओं की सच्चाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य के “सामाजिक सुरक्षा पेंशन घोटाले” (Social Security Pension Scam) ने दिखाया है कि कैसे आर्थिक रूप से सक्षम लोग, जो महंगे मकानों में रहते हैं और लग्ज़री कारों के मालिक हैं, उन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं जो केवल गरीबों के लिए बनाई गई थीं।

इस चौंकाने वाली सच्चाई ने पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया है। आइए जानते हैं, कैसे यह घोटाला उजागर हुआ और इसके पीछे की पूरी कहानी।


सामाजिक सुरक्षा पेंशन: गरीबों के लिए, लेकिन लाभ उठाए अमीरों ने

“सामाजिक सुरक्षा पेंशन” (Social Security Pension) का उद्देश्य उन जरूरतमंद लोगों की मदद करना है, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। यह योजना बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए बनाई गई थी।

लेकिन केरल के वित्त विभाग द्वारा की गई जांच में सामने आया कि जिन लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है, उनमें से कई इस श्रेणी में नहीं आते। उदाहरण के लिए, मलप्पुरम जिले के कोट्टक्कल नगर पालिका में ऑडिट के दौरान यह पाया गया कि बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी कारों के मालिक और एसी (Air Conditioner) सुविधाओं वाले घरों में रहने वाले लोग भी पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।

यह मामला तब और गंभीर हो गया, जब यह खुलासा हुआ कि सरकारी कर्मचारी, प्रोफेसर और राजपत्रित अधिकारी भी इस योजना का अनुचित लाभ उठा रहे हैं।


कोट्टक्कल नगर पालिका का मामला और ऑडिट की चौंकाने वाली रिपोर्ट

मलप्पुरम जिले के कोट्टक्कल नगर पालिका में की गई जांच ने पेंशन घोटाले की सच्चाई सामने रखी। यहां 42 लाभार्थियों की जांच की गई, जिनमें से 38 को अयोग्य पाया गया।

ऑडिट में पता चला कि कई लाभार्थी बड़े मकानों में रहते थे, जिनका क्षेत्रफल 2,000 वर्ग फुट से भी ज्यादा था। इसके अलावा, सरकारी नौकरियों से सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जीवनसाथी भी पेंशन का लाभ ले रहे थे।

इस जांच के बाद यह सवाल उठने लगे कि पात्रता प्रमाण पत्र कैसे जारी किए गए। वित्त विभाग ने इसे अधिकारियों और स्थानीय निकायों की मिलीभगत का परिणाम माना।


सरकार की सख्त कार्रवाई और वित्त मंत्री का रुख

राज्य के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों की सतर्कता जांच के आदेश दिए हैं।

इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्यभर में व्यापक ऑडिट करने का निर्णय लिया गया है कि पेंशन केवल योग्य लाभार्थियों तक पहुंचे। स्थानीय स्वशासन विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे पेंशन लाभार्थियों की नियमित पात्रता जांच करें।

इसके अलावा, दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई है। वित्त विभाग ने प्रशासनिक विभागों से तुरंत रिपोर्ट मांगी है, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द दंडित किया जा सके।


कैसे सामने आया यह पेंशन घोटाला?

सूचना केरल मिशन के निरीक्षण के दौरान यह घोटाला उजागर हुआ। इस मिशन ने पाया कि राज्य में लगभग 1,458 सरकारी कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ उठा रहे हैं।

इसके बाद, कोट्टक्कल में सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि कई लाभार्थी अमीर और आर्थिक रूप से सक्षम थे।

मलप्पुरम वित्त लेखा परीक्षा विभाग ने भी इस घोटाले की जांच की। विभाग ने यह दावा किया कि पेंशन सूची में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।


क्या कहती है यह घटना सामाजिक कल्याण योजनाओं के बारे में?

“सामाजिक सुरक्षा पेंशन घोटाला” (Social Security Pension Scam) केवल केरल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। यह दिखाता है कि किस तरह जरूरतमंदों के लिए बनाई गई योजनाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है।

इस घोटाले ने यह सवाल खड़ा किया है कि पात्रता का सत्यापन कैसे किया जाता है और क्यों ऐसे लोग इन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, जिन्हें इसकी जरूरत नहीं है।


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