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गरीब लड़कियों की आवाज बना सुप्रीम कोर्ट: मुफ्त सैनिटरी पैड पर होगी सुनवाई, क्या होगा फैसला?

मुफ्त सैनिटरी पैड, सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों से कक्षा 6 से 12 तक की छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। यह याचिका कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने दाखिल की है।

याचिका का मुख्य उद्देश्य: याचिका में कहा गया है कि गरीब परिवारों की किशोरियों को पीरियड्स के दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। स्कूलों में सैनिटरी पैड्स की कमी के कारण कई लड़कियाँ स्कूल नहीं जा पातीं और उनकी पढ़ाई बाधित होती है। याचिका में सरकार से सहायता प्राप्त और आवासीय स्कूलों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश की पीठ: इस मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ करेगी। याचिका में 11 से 18 वर्ष की उम्र की गरीब किशोरियों की समस्याओं को उजागर किया गया है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 ए के तहत शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है।

प्रमुख बिंदु:

  • याचिका में गरीब किशोरियों के सामने आने वाली कठिनाइयों पर ध्यान दिया गया है।
  • स्कूलों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय की मांग की गई है।
  • याचिका में मुफ्त सैनिटरी पैड्स उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट की यह सुनवाई गरीब किशोरियों की समस्याओं को हल करने और उन्हें बेहतर शैक्षिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से की जा रही है। अगर सरकार इस दिशा में कदम उठाती है, तो यह गरीब परिवारों की लड़कियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है।

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