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पाकिस्तान में ओसामा को मारने के लिए अमेरिका ने क्या गजब कांड किया, पढ़कर हैरान रह जाएंगे!

ओसामा
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अमेरिका ने 9/11 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले के बाद ओसामा बिन लादेन को बहुत ढूंढा। सालों तक कोई पता नहीं चला। फिर एक दिन खबर आई कि ओसामा तो पाकिस्तान में छिपा बैठा है! अमेरिकियों ने प्लान बनाया और बिना पाकिस्तान को बताए वहीं जाकर ओसामा का खेल खत्म कर दिया। पूरी कहानी पढ़िए और जानिएस कि ये सब कैसे हुआ।

ओसामा बिन लादेन… अरबों का मालिक, लेकिन अमेरिका को दुश्मन मान बैठा। अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई में पहले अमेरिका के साथ था, लेकिन फिर अपनी ही आतंकी टीम अल-कायदा बना ली। 9/11 का हमला पूरी दुनिया ने देखा। ओसामा अमेरिका के लिए सबसे खतरनाक आतंकवादी बन गया। अब अमेरिका को बदला चाहिए था, पर ओसामा कहां है किसी को पता नहीं था।

ओसामा का सुराग कैसे मिला?

सालों तक ओसामा को अफगानिस्तान के पहाड़ों और गुफाओं में ढूंढा गया, पर वो हाथ नहीं आया। फिर बड़ी मुश्किल से पता चला कि उसका एक खास आदमी पाकिस्तान में रहता है। अमेरिकियों ने उसे खोज निकाला। उस आदमी को फॉलो करते-करते अमेरिकी कमांडो एबटाबाद शहर में एक बड़े से घर पर पहुंच गए। हैरानी की बात ये थी कि ये घर पाकिस्तान की मिलिट्री अकेडमी के ठीक बगल में था।

चुपके से ऑपरेशन की प्लानिंग

अमेरिका इस बात से डर रहा था कि अगर पाकिस्तानी सेना को पता चला तो वो शायद ओसामा को बचा ले। इसलिए किसी को कानों-कान खबर नहीं होने दी। देर रात, बिना बताए हेलिकॉप्टर में कमांडो पाकिस्तान में घुसे, ओसामा के घर का चक्कर लगाया, और धड़ाधड़ ऑपरेशन खत्म करके निकल लिए। पाकिस्तानी सेना जब तक कुछ समझ पाती, अमेरिकी कमांडो जा चुके थे।

ये बहुत ही जोखिम भरा ऑपरेशन था। दूसरे देश में घुसकर, वो भी छिप-छिपाकर ऐसा करना आसान नहीं होता। लेकिन ओसामा जैसे आतंकी के आगे अमेरिका के पास शायद और कोई रास्ता नहीं था। कई लोग ये भी सवाल उठाते हैं कि पाकिस्तान को कैसे पता नहीं चला कि उसका दुश्मन उसके ही घर में छिपा है? क्या उन्होंने जानबूझकर आंखें बंद कर रखी थीं?

इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन नेप्च्यून स्पीयर’ नाम दिया गया था। जैसे ही कमांडो ने घर में घुसने की कोशिश की, गोलीबारी शुरू हो गई। ओसामा के साथ उसके परिवार के कुछ लोग भी मारे गए। 9/11 के बाद पूरे 10 साल तक ओसामा को अमेरिका ढूंढता रहा और आखिरकार उसने बदला ले ही लिया।

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