महाराष्ट्र

सीएम फडणवीस को मिला संजय राऊत का समर्थन, फिक्सर को लेकर कही बड़ी बात

सीएम फडणवीस

महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस ने हाल ही में अपने मंत्रियों के स्टाफ की छुट्टी और जांच के आदेश दिए, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई। इस फैसले के बाद कृषि मंत्री ने नाराजगी जताई, जिसके जवाब में सीएम ने मंत्रियों को सख्त नसीहत दी। अब ये मामला महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियों में चर्चा का केंद्र बन गया है।

संजय राऊत ने किया फडणवीस के फैसले का समर्थन
राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने सीएम फडणवीस के इस फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री फडणवीस के निर्णय का स्वागत करता हूं। जब उन्होंने कहा था कि मंत्रियों के कुछ ओएसडी और पीए भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और उन्हें ‘फिक्सर’ बताया था, तो ये एक साहसिक कदम था। यदि उन्होंने भ्रष्टाचार रोकने के लिए कोई कार्रवाई की है, तो इसका सभी को समर्थन करना चाहिए।” साथ ही संजय राऊत ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री को उन मंत्रियों के नाम भी सार्वजनिक करने चाहिए, जिन्होंने ऐसे विवादास्पद कर्मचारियों को अपने स्टाफ में शामिल किया है।

क्या बोले सीएम फडणवीस?
सीएम फडणवीस ने सोमवार (24 फरवरी) को स्पष्ट किया कि उन्होंने कैबिनेट मंत्रियों द्वारा सुझाए गए 125 नामों में से 109 को मंजूरी दी, लेकिन 16 नामों को खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि इन नामों को अस्वीकार करने का मुख्य कारण ये था कि इनमें से कुछ अधिकारियों पर जांच चल रही थी, जबकि कुछ प्रशासनिक गलियारों में ‘फिक्सर’ के रूप में कुख्यात थे।

बेलागवी सीमा विवाद पर क्या बोले राउत?
संजय राऊत ने बेलागवी सीमा जिले में भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकारों के बीच संवाद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ये मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है, लेकिन कर्नाटक में चाहे कांग्रेस की सरकार हो या बीजेपी की, वे बेलागवी में मराठी भाषियों के लिए कठिनाइयां उत्पन्न कर रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक सरकार मराठी स्कूल और पुस्तकालय बंद कर रही है, जिससे वहां के मराठी भाषी नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। राऊत ने सवाल उठाया कि क्या कर्नाटक सरकार बेलागवी में मणिपुर जैसी स्थिति पैदा करना चाहती है?
उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे पर मराठी भाषियों से बातचीत करें। साथ ही, महाराष्ट्र सरकार को भी सक्रिय भूमिका निभाने और अपने मंत्रियों को कर्नाटक सरकार से चर्चा के लिए भेजने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा उठाए गए कदम ने महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। वहीं, बेलागवी सीमा विवाद को लेकर भी राजनीति गरमा गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में ये देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकारें इन मुद्दों को कैसे सुलझाती हैं।

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