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Double-Decker Flyover: अंधेरी से पवई तक सिग्नल-मुक्त सफर, MMRDA का डबल-डेकर फ्लाईओवर का कमाल

Double-Decker Flyover: अंधेरी से पवई तक सिग्नल-मुक्त सफर, MMRDA का डबल-डेकर फ्लाईओवर का कमाल

Double-Decker Flyover: मुंबई की सड़कों पर जाम में फंसना हर रोज़ की कहानी है। लेकिन अब इस कहानी में एक नया मोड़ आने वाला है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA, एमएमआरडीए) की पहल ‘मुंबई इन मिनट्स’ के तहत अंधेरी से पवई तक एक डबल-डेकर फ्लाईओवर (Double-Decker Flyover, डबल-डेकर फ्लाईओवर) बन रहा है, जो शहर की पूर्व-पश्चिम कनेक्टिविटी को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह 5.08 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर न्यू लिंक रोड (इन्फिनिटी मॉल के पास) से शुरू होकर जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड (JVLR) पर पूनम नगर तक जाएगा। यह न केवल जाम से राहत देगा, बल्कि यात्रियों का समय और ईंधन भी बचाएगा।

इस परियोजना की शुरुआत बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने अंधेरी (पश्चिम) और जोगेश्वरी (पूर्व) के बीच यातायात को आसान करने के लिए की थी। लेकिन चूंकि फ्लाईओवर का रास्ता मेट्रो लाइन 6 से होकर गुजरता है, इसलिए इसका निर्माण एमएमआरडीए को सौंपा गया। इस सहयोग से सड़क और मेट्रो ढांचे का बेहतर तालमेल सुनिश्चित हुआ। इस फ्लाईओवर का कुल 0.93 किलोमीटर हिस्सा बीएमसी ने पहले ही बना लिया है। बाकी हिस्सा एमएमआरडीए दो चरणों में पूरा कर रहा है।

पहला हिस्सा 2.58 किलोमीटर का डबल-डेकर फ्लाईओवर (Double-Decker Flyover, डबल-डेकर फ्लाईओवर) है, जिसमें एक स्तर सड़क यातायात के लिए और दूसरा मेट्रो लाइन 6 के लिए है। इस हिस्से का निर्माण दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) कर रहा है, और इसका 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसकी लागत 304 करोड़ रुपये है। दूसरा हिस्सा 1.55 किलोमीटर का सिंगल-लेवल फ्लाईओवर है, जिसमें वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और मेट्रो लाइन 7 के ऊपर 120 मीटर का केबल-स्टे ब्रिज शामिल है। इस हिस्से का निर्माण जे कुमार इन्फ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को 378.70 करोड़ रुपये में सौंपा गया है, और इसका 39 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

इस परियोजना को पूरा करना आसान नहीं है। जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड (JVLR) पर भारी यातायात के कारण निर्माण कार्य केवल सीमित घंटों में हो पाता है। इसके अलावा, मेट्रो लाइन 7 के संचालन के दौरान काम करना भी एक चुनौती है। वीरा देसाई जंक्शन और प्रताप नगर में अतिक्रमण हटाना और भूमिगत उपयोगिताओं को डायवर्ट करना भी मुश्किलें पैदा करता है। लेकिन एमएमआरडीए इन चुनौतियों से पार पाने के लिए दिन-रात काम कर रहा है।

यात्रियों को जल्द राहत देने के लिए एमएमआरडीए ने इस फ्लाईओवर को दो चरणों में खोलने की योजना बनाई है। पहला चरण, जो इन्फिनिटी मॉल, अंधेरी (पश्चिम) से JVLR जंक्शन तक 2.4 किलोमीटर का है, दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसमें बीएमसी द्वारा बनाया गया 0.93 किलोमीटर का हिस्सा भी शामिल है। दूसरा चरण, जिसमें वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और मेट्रो लाइन 7 के ऊपर 120 मीटर का केबल-स्टे ब्रिज है, जून 2026 तक पूरा होगा। इस चरण में रात के समय काम करना पड़ता है, क्योंकि मेट्रो लाइन 7 के पावर ब्लॉक के कारण दिन में निर्माण संभव नहीं है।

यह फ्लाईओवर अंधेरी और पवई के बीच सिग्नल-मुक्त कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इससे न केवल JVLR और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर जाम कम होगा, बल्कि यात्रा का समय भी काफी कम हो जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर आप अंधेरी से पवई जा रहे हैं, तो अभी आपको जाम में फंसकर 30-40 मिनट लग सकते हैं। लेकिन इस फ्लाईओवर के बनने के बाद यह समय काफी कम हो जाएगा। साथ ही, ईंधन की बचत और प्रदूषण में कमी भी होगी। यह उन युवाओं के लिए खास तौर पर फायदेमंद है, जो रोज़ाना ऑफिस या कॉलेज के लिए इस रास्ते से गुजरते हैं।

‘मुंबई इन मिनट्स’ पहल के तहत यह फ्लाईओवर मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में टिकाऊ शहरी परिवहन (Sustainable Urban Transport, टिकाऊ शहरी परिवहन) को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना दिखाती है कि कैसे सही योजना और तकनीक के साथ शहर की सबसे बड़ी समस्याओं को हल किया जा सकता है। यह फ्लाईओवर न केवल सड़क पर यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि मेट्रो लाइन 6 के साथ मिलकर एक एकीकृत परिवहन प्रणाली भी तैयार करेगा।

मुंबई जैसे शहर में, जहां हर मिनट कीमती है, यह डबल-डेकर फ्लाईओवर (Double-Decker Flyover, डबल-डेकर फ्लाईओवर) लाखों लोगों की ज़िंदगी को आसान बनाने का वादा करता है। यह उन छात्रों के लिए है, जो समय पर कॉलेज पहुंचना चाहते हैं। यह उन पेशेवरों के लिए है, जो अपने काम के लिए जल्दी ऑफिस पहुंचना चाहते हैं। और यह उन परिवारों के लिए है, जो जाम में फंसने की चिंता के बिना शहर में घूमना चाहते हैं।

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