Powai Lake Conservation and BMC Fee Issue: मुंबई का पवई झील, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए जाना जाता है, आज एक गंभीर पर्यावरणीय संकट का सामना कर रहा है। इस झील को बचाने के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओं का समूह, सेव पवई झील (Save Powai Lake), लंबे समय से प्रयास कर रहा है। लेकिन हाल ही में उनकी एक शांतिपूर्ण मानव श्रृंखला विरोध प्रदर्शन की योजना को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने रद्द करवा दिया। BMC ने इस प्रदर्शन के लिए 11,000 रुपये की फीस मांगी, जिसे कार्यकर्ताओं ने एक सामान्य नागरिक पहल पर अनुचित ठहराया। इस लेख में हम पवई झील संरक्षण (Powai Lake Conservation) की चुनौतियों और BMC की कार्रवाइयों को समझेंगे।
पवई झील मुंबई के व्यस्त शहर में एक शांत नखलिस्तान की तरह है। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए एक पसंदीदा जगह है, बल्कि जैव विविधता का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से झील में सीवेज और जलकुंभी (वॉटर हायसिंथ) की समस्या बढ़ती जा रही है। सेव पवई झील समूह ने इस मुद्दे को उठाने के लिए 8 जून को शाम 5 से 6 बजे तक पवई झील सेल्फी पॉइंट पर एक शांतिपूर्ण मानव श्रृंखला (Silent Human Chain) आयोजित करने की योजना बनाई थी। इस प्रदर्शन का मकसद झील में सीवेज की समस्या और इसके संरक्षण की मांग को उजागर करना था। कार्यकर्ताओं ने पुलिस से अनुमति ले ली थी, लेकिन BMC ने इसके लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) देने से इनकार कर दिया।
BMC ने 2015 के एक आउटडोर इवेंट सर्कुलर का हवाला देते हुए इस प्रदर्शन को एक ‘इवेंट’ करार दिया और इसके लिए 11,000 रुपये की फीस मांगी। सेव पवई झील समूह के प्रमुख बी.एन. कुमार ने इस फैसले पर हैरानी जताई। उनका कहना था कि यह कोई संगीतमय या सांस्कृतिक आयोजन नहीं था, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए एक शांतिपूर्ण विरोध था। उन्होंने सवाल उठाया कि जब लोग अपने शहर की झील को बचाने के लिए आवाज़ उठा रहे हैं, तो इसके लिए फीस क्यों देनी चाहिए। एडवांस्ड लोकैलिटी मैनेजमेंट की अध्यक्ष पामेला चीमा ने भी इसे चौंकाने वाला बताया। उनका कहना था कि पवई झील संरक्षण (Powai Lake Conservation) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे को एक सामान्य आयोजन की तरह देखना गलत है।
इस घटना ने कार्यकर्ताओं का हौसला कम नहीं किया। बी.एन. कुमार ने बताया कि वे अपनी मुहिम को डिजिटल तरीके से और तेज करेंगे। समूह ने #SewerMuktPowaiLake नाम से एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया है, जिसका मकसद झील में सीवेज की समस्या को उजागर करना और इसके लिए स्थायी समाधान की मांग करना है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि BMC ने झील को साफ करने के लिए कई वादे किए, लेकिन ज्यादातर कागजों तक ही सीमित रहे। हाल ही में, कार्यकर्ताओं के दबाव के बाद BMC ने जलकुंभी हटाने के लिए कुछ मशीनें और कर्मचारी तैनात किए। 23 मई से 1 जून तक BMC ने 1,450 मीट्रिक टन जलकुंभी हटाई, जो झील की जैव विविधता को नुकसान पहुंचा रही थी।
पवई झील में हर दिन 18 मिलियन लीटर सीवेज प्रवेश करता है, जिसके कारण जलकुंभी की वृद्धि और पानी की गुणवत्ता में कमी आई है। BMC ने माना है कि इस समस्या का स्थायी समाधान सीवेज लाइनों को मोड़ना और एक सीवेज उपचार संयंत्र (STP) स्थापित करना है। 2 जून को BMC ने एक बयान में कहा कि सीवेज को झील में प्रवेश से रोकने के लिए चैनलों को मोड़ने का मसौदा पत्र स्वीकृत हो चुका है। अगले सप्ताह में इसके लिए निविदा स्वीकृति और कार्य आदेश जारी होने की उम्मीद है। यह कदम पवई झील को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि अभी तक ठोस प्रगति दिखाई नहीं दी है।
पवई झील मुंबई के लिए केवल एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि यह शहर की पर्यावरणीय और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। स्थानीय लोग और कार्यकर्ता इसे बचाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। लेकिन BMC की नीतियां और प्रशासनिक बाधाएं उनके प्रयासों को चुनौती दे रही हैं। 11,000 रुपये की फीस जैसी शर्तें न केवल कार्यकर्ताओं के उत्साह को कम करती हैं, बल्कि यह सवाल भी उठाती हैं कि क्या पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
सेव पवई झील समूह का कहना है कि वे अपनी लड़ाई को हर हाल में जारी रखेंगे। डिजिटल अभियान के जरिए वे और लोगों को इस मुहिम से जोड़ना चाहते हैं। उनकी मांग है कि पवई झील में सीवेज का प्रवाह पूरी तरह बंद हो और इसे एक स्वच्छ और जैव विविधता से भरा जलाशय बनाया जाए। यह प्रयास न केवल पवई के निवासियों के लिए, बल्कि पूरे मुंबई के लिए महत्वपूर्ण है।