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Mumbai Monsoon 2025 Railway Prep: पश्चिम रेलवे ने ट्रैक और ड्रेनेज का निरीक्षण कर बढ़ाई मानसून तैयारियां, 104 हाई-कैपेसिटी पंप और नई ड्रेनेज लाइनों की तैनाती

Mumbai Monsoon 2025 Railway Prep: पश्चिम रेलवे ने ट्रैक और ड्रेनेज का निरीक्षण कर बढ़ाई मानसून तैयारियां, 104 हाई-कैपेसिटी पंप और नई ड्रेनेज लाइनों की तैनाती

Mumbai Monsoon 2025 Railway Prep: मुंबई की बारिश अपने साथ न केवल राहत लाती है, बल्कि शहर की बुनियादी ढांचे की तैयारियों को भी परखती है। इस साल मानसून 2025 (Monsoon 2025) की शुरुआत के साथ, पश्चिम रेलवे (Western Railway) ने अपनी तैयारियों को और मजबूत करने के लिए गंभीर कदम उठाए हैं। रविवार, 8 जून 2025 को, मुंबई सेंट्रल और चर्चगेट के बीच एक निर्धारित जंबो ब्लॉक के दौरान पश्चिम रेलवे के अधिकारियों ने ट्रैक, नालियों और पंपों का गहन निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य मानसून के चरम मौसम से पहले रेलवे की बुनियादी ढांचे की तैयारियों और यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना था। इस लेख में हम पश्चिम रेलवे की मानसून तैयारियों (Western Railway Monsoon Preparedness) की इस पहल को विस्तार से समझेंगे।

मुंबई की लोकल ट्रेनें शहर की जीवनरेखा हैं। लाखों लोग हर दिन इन ट्रेनों पर निर्भर करते हैं, और बारिश के मौसम में इनका सुचारू संचालन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। पश्चिम रेलवे ने इस साल मानसून की चुनौतियों से निपटने के लिए पहले से ही व्यापक तैयारियां शुरू कर दी थीं। रविवार को हुए निरीक्षण में अधिकारियों ने ग्रांट रोड स्टेशन के पास रेन गेज की जांच की, जो पूरी तरह कार्यात्मक पाया गया। इसके अलावा, ग्रांट रोड के पास 32 हॉर्सपावर का डीजल पंप और 10 हॉर्सपावर का इलेक्ट्रिक पंप भी टेस्ट किया गया, और दोनों को पूरी तरह कार्यरत पाया गया। रेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की कि नालियों की सफाई का काम पूरा हो चुका है, और कई स्थानों पर मध्य-मानसून सफाई का काम भी चल रहा है।

पश्चिम रेलवे ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारी बारिश के दौरान जलभराव की समस्या न हो, कई ठोस कदम उठाए हैं। इस साल, रेलवे ने 58 पुलियों और 55 किलोमीटर से अधिक नालियों की सफाई और डी-सिल्टिंग की है। इसके अलावा, 3 किलोमीटर नई ड्रेनेज लाइनों और नए मैनहोल्स का निर्माण किया गया है। वसई-विरार खंड में 4.5 किलोमीटर लंबी रिटेनिंग वॉल बनाई गई है, ताकि ट्रैकों पर पानी का रिसाव न हो। 104 हाई-कैपेसिटी डीवाटरिंग पंप उन स्थानों पर लगाए गए हैं, जहां जलभराव का खतरा सबसे ज्यादा है। यह पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक पंपिंग क्षमता है। इन पंपों को संचालित करने वाले कर्मचारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे भारी बारिश शुरू होते ही तुरंत पंप शुरू करें।

पश्चिम रेलवे की यह तैयारियां केवल तकनीकी स्तर तक सीमित नहीं हैं। रेलवे ने आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अपने कर्मचारियों को भी तैयार किया है। निरीक्षण के दौरान, कीमैन और स्टेशनरी वॉचमैन को आपातकालीन प्रोटोकॉल और सुरक्षा उपायों के बारे में बताया गया। रेलवे ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मानसून के दौरान किसी भी तरह की बाधा से बचने के लिए आपदा प्रबंधन सेल के साथ निकट समन्वय बनाए रखा जाए। इसके लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC), मीरा-भायंदर महानगरपालिका, और वसई-विरार सिटी महानगरपालिका के साथ संयुक्त निरीक्षण किए गए हैं।

पिछले सालों के अनुभवों ने पश्चिम रेलवे को और सतर्क बनाया है। 2024 में, उनकी तैयारियों के कारण मुंबई के उपनगरीय रेल नेटवर्क पर कोई बड़ा जलभराव या सेवा बाधा नहीं हुई थी। इस साल भी, रेलवे उसी सफलता को दोहराने के लिए प्रतिबद्ध है। गोरेगांव-मलाड, प्रभादेवी-माटुंगा, बोरीवली, और विरार जैसे क्षेत्रों में माइक्रो-टनेलिंग का काम किया गया है, ताकि पानी का निकास तेजी से हो सके। इसके अलावा, रेलवे ने रिमोट ऑपरेटेड फ्लोटर कैमरों का उपयोग शुरू किया है, जो भारतीय रेलवे में पहली बार इस्तेमाल किए जा रहे हैं। ये कैमरे उन पुलियों और नालियों की तस्वीरें लेते हैं, जहां मैन्युअल पहुंच मुश्किल है, जिससे सफाई और रखरखाव का काम आसान हो गया है।

मुंबई में मानसून 2025 (Monsoon 2025) की शुरुआत ने शहर के अन्य परिवहन साधनों को प्रभावित किया, लेकिन पश्चिम रेलवे की उपनगरीय ट्रेनें बिना किसी रुकावट के चलती रहीं। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि उनकी टीमें दिन-रात काम कर रही हैं, ताकि भारी बारिश के दौरान भी यात्रियों को सुरक्षित और सुचारू सेवा मिले। वसई-नालासोपारा जैसे क्षेत्र, जो पहले जलभराव के लिए कुख्यात थे, अब बेहतर ड्रेनेज सिस्टम और रिटेनिंग वॉल्स के कारण सुरक्षित हैं। रेलवे ने 14 ऑटोमैटिक रेन गेज और 98 स्थानों पर फ्लड गेज भी लगाए हैं, जो वास्तविक समय में बारिश और जलस्तर की जानकारी देंगे।

मुंबई की लोकल ट्रेनें न केवल एक परिवहन माध्यम हैं, बल्कि शहर की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा भी हैं। मानसून के दौरान इनका सुचारू संचालन लाखों यात्रियों के लिए राहत की बात है। पश्चिम रेलवे की यह तैयारियां नई पीढ़ी के लिए एक उदाहरण हैं कि तकनीक और मेहनत का सही मेल कैसे चुनौतियों से निपट सकता है। पश्चिम रेलवे की मानसून तैयारियों (Western Railway Monsoon Preparedness) ने यह साबित किया है कि सही योजना और समर्पण से मुंबई की बारिश की चुनौतियों को कम किया जा सकता है।

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