Dharavi Project Stamp Duty Concessions: मुंबई का दिल कहे जाने वाले धारावी की तस्वीर अब बदलने वाली है। यह एशिया का सबसे बड़ा अनौपचारिक बस्ती क्षेत्र है, जहां लाखों लोग अपनी मेहनत और सपनों के साथ जिंदगी बसर करते हैं। 17 जून 2025 को महाराष्ट्र की सरकार ने धारावी पुनर्विकास परियोजना (Dharavi Redevelopment Project, धारावी पुनर्विकास परियोजना) के लिए एक बड़ा फैसला लिया। इस परियोजना के लिए लीज और सब-लीज समझौतों पर स्टांप ड्यूटी में छूट को मंजूरी दी गई है। यह कदम न केवल इस परियोजना को गति देगा, बल्कि धारावी के लोगों के लिए बेहतर घर और सुविधाएं लाने का रास्ता भी साफ करेगा। यह खबर हर उस युवा के लिए खास है, जो मुंबई के भविष्य को नए रंग में देखना चाहता है। आइए, इस पूरी कहानी को समझते हैं।
धारावी पुनर्विकास परियोजना को नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (NMDPL) के जरिए अंजाम दिया जा रहा है। यह कंपनी अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड और राज्य सरकार की स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) का संयुक्त उद्यम है। अडानी के पास इसकी 80% हिस्सेदारी है, जबकि SRA के पास 20% हिस्सा है। इस परियोजना का मकसद धारावी को एक आधुनिक, योजनाबद्ध और आत्मनिर्भर टाउनशिप में बदलना है। यहां के निवासियों को बेहतर घर, स्कूल, अस्पताल और रोजगार के अवसर मिलेंगे। सरकार ने इस प्रोजेक्ट को पहले ही एक आवश्यक शहरी बुनियादी ढांचा परियोजना (Essential Urban Infrastructure Project, आवश्यक शहरी बुनियादी ढांचा परियोजना) और विशेष परियोजना घोषित कर रखा है।
इस तरह की परियोजनाओं के लिए महाराष्ट्र की नीति के तहत स्टांप ड्यूटी में छूट या कमी की सुविधा है। इसका मकसद परियोजना को कम खर्च में और तेजी से पूरा करना है। इसी नीति के तहत कैबिनेट के सामने एक प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA) और धारावी की विशेष उद्देश्य कंपनी (SPV) या SRA के बीच होने वाले सब-लीज समझौतों पर स्टांप ड्यूटी में छूट देने की बात थी। RLDA धारावी में करीब 45 एकड़ जमीन दे रही है, जो इस परियोजना का अहम हिस्सा है। इस जमीन के लिए SPV को RLDA को कम से कम 2,800 करोड़ रुपये देने हैं। कैबिनेट ने इस छूट को मंजूरी दे दी और इन समझौतों को औपचारिक रूप से स्टांप ड्यूटी छूट नीति में शामिल कर लिया।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक, यह स्टांप ड्यूटी छूट लेन-देन की लागत को कम करेगी। इससे कानूनी प्रक्रियाएं आसान होंगी और निर्माण कार्य जल्दी शुरू हो सकेगा। यह फैसला परियोजना को रफ्तार देने में एक बड़ा कदम है। धारावी जैसे इलाके में, जहां हर इंच जमीन कीमती है, ऐसी छूट लागत को नियंत्रित रखने में मदद करती है। इस परियोजना की कुल लागत 95,790 करोड़ रुपये आंकी गई है, और इसमें 72,000 पात्र निवासियों को पुनर्वास के लिए 350 वर्ग फीट के घर दिए जाएंगे। जो लोग पात्र नहीं होंगे, उन्हें मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में किराया-खरीद योजना के तहत घर मिलेंगे।
इस परियोजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू है RLDA की जमीन। इस 45 एकड़ जमीन पर रेलवे कर्मचारियों के लिए क्वार्टर और कार्यालय बनाए जाएंगे। साथ ही, धारावी के झुग्गीवासियों और अधिकृत इमारतों के निवासियों के लिए 10,000 से ज्यादा पुनर्वास इकाइयां बनेंगी। अब तक SPV को 28 एकड़ जमीन मिल चुकी है। स्टांप ड्यूटी में 45 करोड़ रुपये की छूट से इस जमीन के लेन-देन को आसान बनाने में मदद मिलेगी। यह कदम परियोजना को समय पर शुरू करने के लिए जरूरी था।
धारावी का पुनर्विकास सिर्फ इमारतें बनाने की बात नहीं है। यह लाखों लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने का वादा है। यहां के छोटे-छोटे कारोबारी, कारीगर और दुकानदार इस इलाके की जान हैं। सरकार ने साफ किया है कि पुनर्वास के दौरान इन लोगों की आजीविका को प्राथमिकता दी जाएगी। मास्टर प्लान में धारावी की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान को बचाने पर जोर है। इसके लिए मिश्रित उपयोग वाले मोहल्ले बनाए जाएंगे, जहां लोग रहने के साथ-साथ अपने काम-धंधे भी चला सकें।
कैबिनेट ने एक और फैसला लिया, जो इस परियोजना से अलग लेकिन स्टांप ड्यूटी से जुड़ा है। महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (MNLU), मुंबई को गोरेगांव (पश्चिम) में 141,640.40 वर्ग मीटर जमीन दी गई है। इस जमीन के हस्तांतरण पर पूरी स्टांप ड्यूटी माफ कर दी गई है। यह यूनिवर्सिटी अभी किराए के भवन में चल रही है, और अब इसका स्थायी कैंपस बनेगा। यह फैसला शिक्षा के क्षेत्र में मुंबई के लिए एक नई शुरुआत है।
धारावी पुनर्विकास परियोजना को लेकर कुछ विरोध भी हुआ है। कुछ निवासियों का कहना है कि उनकी राय लिए बिना योजना बनाई गई। लेकिन सरकार और SPV का दावा है कि सर्वे और जागरूकता अभियानों के जरिए लोगों को शामिल किया जा रहा है। मार्च 2024 से शुरू हुए सर्वे में करीब एक लाख इमारतों की जांच हो चुकी है, और 94,500 से ज्यादा को यूनिक आईडी दी गई है। यह सर्वे पात्रता तय करने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जरूरी है।
इस परियोजना का एक और दिलचस्प पहलू है इसका पर्यावरण के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण। मास्टर प्लान में हरियाली, सार्वजनिक स्थानों और पैदल चलने वालों के लिए रास्तों पर खास ध्यान दिया गया है। धारावी को एक ऐसा जिला बनाया जाएगा, जहां लोग न केवल बेहतर घरों में रहें, बल्कि एक स्वस्थ और जीवंत माहौल में काम भी करें। यह परियोजना मुंबई को झुग्गी-मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।